शरीर मे शक्ति वह जो शरीर को संचालित कर रही है । संसार की शक्ति वह जो प्रकृति को संचालित कर रही है ।
जिसे हम ईस्वर कहते है , न मानने वाले गॉड पार्टिकल यह एलियंस टेक्नोलॉजी ( नाशा , बुद्ध जीवी )
पर एक प्रश्न उठता है यह सब हुआ कैसे हम आये कहाँ से , हमने यह क्रमिक विकास किया कैसे , जीवो का जन्मदाता है कौन क्योंकि यह तो है की बिना जीव के जीव की उत्तप्ति सम्भव नही । बिना बीज के पेड़ कैसे होगा पर पेड़ बिना बीज कैसे होगा ।
आप चकरा गए होंगे
मेरा भी हाल यही है एक और तथ्य जानते है सुने आपको पता है हम विकसित हुए है पर हमें आकाश से जुड़ाव लगता है हमेशा आप जब भी ऊपर देखे ऐसे लगता है कोई वहां है ।
दूसरा तथ्य हम हमेशा कहते है जो कर्म किया है ऊपर वाला देख रहा है । ऊपर वाला ही क्यों वहां कौन है ।
एक बात और इस संसार की उत्तप्ति का कारक चक्रीय है । आप किसी पेड़ के ताने को देखे उसमे चक्र मिलेंगे , यह हमारे शरीर के रक्त कोशिकाओं को देखे । पृत्वी भी गोल सूर्य भी , चंद्र भी गोल , सभी ग्रह ही गोल है तिकोने भी हो सकते थे । जन्म मृतु भी चक्र । बचपन और बुढ़ापा भी चक्र ,
एक केंद है सबमे इस पृथ्वी से लेकर सभी जीव में । अब आप सोच रहे होंगे क्या रहस्य है इनमें सबमे तो बताता हूं आपको यह वह परमशक्ति है जिसका कोई केंद्र नही वह ही केंद्र है उसकी उत्तप्ति का वर्णन शायद कही मिलता ही नही । जीव में जीवशक्ति उसकी ही है । पर उसने स्वतंत्रता दी है इसका कारण भी स्पष्ट नही है यह बड़े रहस्य है । आप हम जिस भी देवी देवता की उपासना करते है वह अपनी अपनी शक्ति के केंद्र है । और वह हम लोगो को संचालित कर रहे है । उस परमशक्ति के निर्देशअनुसार ।