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कौन है देवी दुर्गा

30 मार्च 2022

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देवी दुर्गा की प्रकताये कथा अनुसार हिरण्याक्ष के वंश में एक माह शक्तिशाली दैत्य हुआ जो रुरु का पुत्र था उसका नाम दुर्गमासुर था । उसने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या कर वर प्राप्त किया । उसके बाद उसने घोर अन्याय प्रारंभ किया । सभी देवता और पृथ्वी उससे त्रस्त हो गयी थी । अब उसके मन मे इंद्र बनने की लालसा उत्पन्न हुई उसने इंद्र की नगरी अमरावती को घेर लिया । उसके कारण सभी देवता शक्तिहीन हो गए । फलस्वरूप सभी देवताओं ने स्वर्ग का त्याग कर दिया । और दुर्गमासुर के भय के कारण पर्वतों और कंदराओं में छिपकर रहने लगे  और अपनी रक्षा हेतु माता अम्बिका की स्तुति और आराधना करने लगे । देवताओं की स्तुति से प्रसन्न  होकर देवी प्रकट हुई और देवताओं को निर्भीक होने का आशिर्वाद दिया ।
तभी दुर्गमासुर के दूत ने यह सब बातें दुर्गमासुर को बतायी की देवताओं की रक्षा के लिए एक दिव्यसुन्दरी देवी प्रकट हुई है ।  जो नाना प्रकार के अस्त्रों-शास्त्रों से सुशोभित है । 
जो मंदहस लिए हुए है और सिंहसन पर बैठी हुई है । दैत्यराज आप उनको देख सकते है ।  उनके शरीर की कांति से  ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे एक नवीन सूर्य उग आया हो । वह देवी अत्यंत दिव्य है और संसार की सभी शक्तियां उसके अंदर समाहित है ऐसा प्रतीत हो रहा है ।
दुर्गमासुर ने यह सुनकर की देवताओं की रक्षा के लिए देवी प्रकट हुई है । अत्यंत क्रोधित हुआ और अपनी सेना अस्त्र सत्र के साथ युद्ध के लिये निकल पड़ा ।
पास जाकर उसने देवी को देखा और क्रोध में भरकर आक्रमण का आदेश दे दिया । तब देवी और दुर्गमासुर की सेना के साथ घोर युध्द हुआ और देवी दुर्गमासुर के सभी अस्त्रों को खेल में ही काट देती थी । जिससे दैत और क्रोधित होता । फिर एक दिन देवी ने क्रोध में भरकर दैत्य की समस्त सेना को  मात्र अपनी क्रोधाग्नि से ही भस्म कर दिया । तत्प्रचात देवी ने दुर्गमासुर का वध कर दिया 
जिसके बाद संसार मे देवी दुर्गा दुर्गविनाशनी के नाम से विख्यात हुई ।





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रचनाएँ
नवदुर्गा रहस्य
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देवी दुर्गा से ही सभी देवियो का प्रतिभाव हुआ है । वह ही देवी है जो संसार मे दुष्टो का दमन करने के लिए प्रकट होती है और भक्तो के कल्याण के लिए कई रूप धारण करती है । और देवी से ही यह जगत मोहित हो रहा है वही जन्म देती है पालन करती है और काल के अंत मे सबको अपना ग्रास बना लेती है ।
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दुर्गा रहस्य

29 मार्च 2022
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'या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:शायद कोई ही माता का ऐसा भक्त हो तो इस स्तुति को नही जानता हो , देवी दुर्गा के कई रहस्य है जिसके विषय में जानेंगे की द

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कौन है देवी अम्बिका

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देवी अम्बिका विषय मे जानना और वह परमशक्ति कौन है उनका प्रतिभाव कैसे हुआ यह एक रहस्य है । पर शिवपुराण अनुसार जब उस अविनाशी परब्रह्म जिसे हम काल कहते है उसके अंदर एक इच्छा प्रकट हुई । जिस कारण उनक

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30 मार्च 2022
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1 अप्रैल 2022
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नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा को जाती है हिमालराज के घर मे जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा देवी अत्यंत मनमोहन गौर वर्ण लिए हुए है देवी का स्वरूप अत्यंत सौम्य है । मस्तक प

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देवी ब्रह्मचरणी का स्वरूप

2 अप्रैल 2022
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माता ब्रह्मचरणी माता पार्वती का ही स्वरूप है हिमालराज के यहाँ जन्म लेने के बाद एक बार नारद मुनि के मुख से भगवान शिव की महिमा और उनके रूप के वर्णन को सुनने के बाद देवी पार्वती महादेव को मन

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शक्ति क्या है

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देवी पार्वती स्वरूप

13 अप्रैल 2022
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माता पार्वती शंकर की दूसरी पत्नीं थीं जो पूर्वजन्म में देवी सती थी सती के विपरीत माता पार्वती का स्वरूप अत्यंत सौम्य है देवी गौर वर्ण की है माता पार्वती निर्मल जल के समान है माता पार्वती के चेहरे प

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