प्रिय प्यासी मैं मर ना जाऊँ
प्रिय प्यासी मैं मर ना जाऊँकब तक दूं अपनों को दिलासा,मुझ पर निर्भर है सबकी अभिलाषा।प्रिय प्यासी मैं मर ना जाऊँमुरझा रही है मेरी काया जैसे इस बार सावन न आया,तू गरजे मेरी नींद उड़ाये, मेरी तपन मुझको ही जलाये।प्रिय प्यासी मैं मर ना जाऊभूखे पथराई आँखो वाले प्राणी मुझसे ना देखा जाये,ए