आज कल हर कोई एक दूसरे के पीछे लगा हुआ हैं.... सबको एक दूसरे में कमियाँ और खामियां ढूंढने की आदत लग चूकी हैं..... लेकिन क्या कभी खुद से खुद की मुलाकात की हैं.....!!!! इंसान की इसी फितऱत को दर्शाता हैं मेरा यह छोटा सा लेख...।।।।।।।।
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<div>जंगल जंगल ढूंढ रहा हैं..... </div><div>मृग अपनी कस्तूरी.....।। </div><div><br></div><