जाँच का विसय ये नही है की आप को पैसा कैसे मिला वो तो सर्व विदित है की वो चेक से लिए है मैन जाँच का एजेंडा यह है की अगर वो फ्रॉड है तो बैंक अकाउंट कैसे खुला मान लो बैंक आकौंट खुल भी गया तो कॉर्पोरेट मिनिस्टरी मई कैसे रजिस्टरी मै कैसे रजिस्टर्ड हुआ .
मान लो रजिस्टरड हो भी गया तो ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्या कर रहा था . क्यूंकि आप को ये पैसा बहुत दिन पहले ही मिल गया था और उन्हों ने ये नाम अपने वेबसाइट पर डाल भी दिए थे तो इतने दिनों तक सरकार सोती रही .जो ये जानकारी दिया है वो भी कोई सरकारी सयंत्र के द्वारा नही बल्कि एक n.g.o. के द्वारा क्या सरकारी संयंत्र निक्कमी हो गयी है क्या ? ये तो एक तरह से गोवेर्मेंट का फेलियर है. इस फेलियर पर ये लोग खुश हो रहे है.
ये तो सही है की वो अपने डोनर का नाम बता तो दिया कांग्रेस और भाजपा वाले तो नाम भी नही batate है तो unka क्या वो तो ये तो ham लोग soch ही sakte है .