गुफ्तगू रोज होती है मगर
दिल से कोई बात नहीं होती,
दिन तो गुज़र जाता हैं यूँ ही
मगर कोई चाँदनी रात नही होती,
सफर में साथ तो रहते है बो
मगर मंजिल की कोई बात नही होती,
गुफ्तगू रोज होती है मगर
दिल से कोई बात नहीं होती---(1)
हर खुशी में शामिल हैं बो मेरी
मगर ग़मो की कोई बात नहीं होती,
मोहब्बत है उन्हें भरम है मेरा,
मगर तन्हा जिंदगी की कोई बात नही होती,
गुफ्तगू रोज होती है मगर
दिल से कोई बात नहीं होती--(2)
इंजी-विवेक पाल
शमसाबाद, फर्रूखाबाद
7905008290