पेड़ कटे, दुर्घटना घटे, आसमान से बादल फटे।घरती फटे, फसल हो रही ओलो से बर्बाद।छोड़ जमीन चले मैट्रो, पिलर साथ सुरंगों में।चौड़े हो रहे हाइवे, सिमट गए बाग गमलो में।ऐसी कूलर लटके खिड़कियों में, बरगद पीपल सब गायब हुए।कर इंतजार पानी आने का, घर मे मोटर चला रहे।सुख गए कुआँ तालाब, घट रहा नदियों का पानी।बहती थी ज