हर पुरुष जीवन भर कहीं बच्चा ही बना रहता है और हर नारी चाहे बच्ची ही क्यों न हो हमेशा माँ बनी रहती है।नारियों को सम्मानित करने के लिए यह कहना ही पर्याप्त है कि उनका शरीर वह महान मूमि है जो अव्यक्त आत्मा को भौतिक शरीर के माध्यम से व्यक्त करने का महान क
ओशो स्वयं तूफानों को पाले हुए थे। और उनका अक्षर-अक्षर मुहब्बत का दीया बनकर उन तूफानों में जलता रहा... जलता रहेगा। यह अक्षर उन्हीं के नाम जिस ओशो से मैंने बहुत कुछ पाया है, अर्पित करती हूं-'कह दो मुखालिफ हवाओं से कह दो मुहब्बत का दीया तो जलता रहेगा।
सीधी अनुभूति है अंगार है, राख नहीं। राख को तो तुम सम्हाल कर रख सकते हो। अंगार को सम्हालना हो तो श्रद्धा चाहिए, तो ही पी सकोगे यह आग। कबीर आग हैं। और एक घुंट भी पी लो तो तुम्हारे भीतर भी अग्नि भभक उठे- - सोई अग्नि जन्मों-जन्मों की। तुम भी दीये बनो। तु
Kahai Kabir Diwana Read more
Kahe Kabir Main Poora Paya Read more
Kasturi Kundal Basai Read more
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या
NA
ओशो को हम किसी व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं देखते। ओशो तो प्रेम, ध्यान, संगीत, नृत्य, गीत, रस, मस्ती सभी कुछ हैं।जबसे हमने ओशो साहित्य का अध्ययन प्रारंभ किया तब से हमारे संगीत में प्रेम की फुहार पड़ने लगी है। ओशो ने संगीत को प्रेम बांटने का सशक्त मा
Abhinav Dharma (अभिनव धर्मं) Read more
Product Condition: No Defects. Read more
Sab Sambhav Hai Read more
डेल कारनेगी एक विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे। उनकी एक से एक बढ़कर पुस्तकों ने पाठकों के स्व-सुधार, बिक्री कौशल, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, सार्वजनिक बोलने और प्र कौशल विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी सर्वाधिक चर्चित पुस्तकों में '
इस पुस्तक में हम बात करेंगे कि तरक्की के काबिल बनने के लिए हमें कैसे तैयारी करनी चाहिए। चाहे काम सुपरवाइजर का हो या प्रशासकीय प्रबंधक का, उसमें सफल होने के लिए हमें पेशेवर व्यवहार करना चाहिए। अपने अधिकारियों, अधीनस्थों और सहकर्मियों के सामने हमारी छव
मनुष्य अपने दिल में जैसा सोचता है वैसा ही होता है । यह मनुष्य के पूरे जीवन को ही सम्मिलित नहीं करती बल्कि इतनी व्यापक है कि उसके जीवन के हर पहलू, हर दशा परप अपनी छाप बनाये रखती है। मनुष्य अक्षरशः वैसा ही बन जाता है जैसा वह सोचता है, उसका चरित्र उसके
सफल व्यक्तियों के कार्य करने का तरीका अपने आप में अन्य लोगों अलग होता है। सफलता चाहे छोटी हो या बड़ी इसके पीछे योजना तथा उसके अनुसार कार्य करने का विशेष महत्व होता है। सफल व्यक्ति अपनी क्षमताओं का हर समय भरपूर प्रयोग करते हैं। इस पुस्तक में सफलता प्र
Bhagye Par Nahi Parishram Par Vishwas Karen Read more
Jeet Sako To Jeet Lo Read more
Kahaniyan Jo Raah Dikhaye Read more
1904 में लगभग एक अनजान अंग्रेज़ जेम्स एलन ने एक छोटी पुस्तक 'अँज ए मैन थिकेंथ' लिखी। यह पुस्तक विश्व भर में स्वयं-सहायक पुस्तकों में से एक महान पुस्तक बन गई है – 'स्वयं को सामर्थ्य देना' ज्यादा उचित वर्णन है – क्योंकि यह न केवल यह उजागर करती है कि हम