गांधी हत्याकांड का सच सिर्फ इतना भर नहीं है कि 30 जनवरी 1948 की एक शाम गोडसे बिड़ला भवन आया और उसने गांधी को तीन गोली मार दीं। दरअसल, गांधी हत्याकांड को संपूर्ण रुप से समझने के लिये इसकी पृष्ठभूमि का तथ्यात्मक अध्ययन अति आवश्यक है। इस पुस्तक में गांध
224 ईसापूर्व महान सम्राट अशोक को एक प्राचीन और भयावह रहस्य का पता चलता है - एक ऐसा रहस्य जो महाभारत की गहराईयों मैं समाया था; ऐसा रहस्य जो दुनिया को नष्ट कर सकता है; ऐसा जो 2300 वर्षों से छुपा हुआ था|वर्तमान काल एक सेवानिवृत परमाणु वैज्ञानिक की हत्या
बेस्टसेलर इकिगाई के लेखकों की कलम से अगली किताब Understand Your Strenght and Demonstrate आपके जीवन का उद्देश्य ही आपकी ताकत है। जापानी लोगों का ऐसा मानना है कि हर इंसान का इकिगाई होता ही है। इकिगाई ही आपके अस्तित्व का कारण है। जितनी कम उम्र में हमें
पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड' और 'साहित्य की राजधानी' जैसे और भी कई विशेषणों से मशहूर शहर इलाहाबाद को एक पत्रकार और उभरते कहानीकार ने जैसा देखा, जिया और भुगता, हूबहू वैसा उतार दिया है। इस अलहदा शहर की मस्ती, इसकी बेबाकी और इसमें मिली मोहब्बत का कोलाज है यह किता
"यह अल्पज्ञात तथ्य है कि चीन का ‘चीन’ नाम भारत का दिया हुआ है। चीन तो स्वयं को झुआंगहुआ कहता है। इससे भी अल्पज्ञात तथ्य यह है कि महाभारत काल में चीन भारत के सैकड़ों जनपदों में से एक था। प्रशांत महासागर के तट पर पीत नदी के पास यह लघु राज्य भारत से हजा
लोगो के पूर्व में दिए हुए प्यार, स्नेह और ऊर्जा को आधार बनाकर एक बार फिर कुछ रचनाएँ आपके हवाले कर रहा हूँ। रचनाएँ अच्छी बनी हैं या बुरी, ये तो पाठक ही तय करेंगे, मगर इतना जरूर कह सकता हूँ कि इन्हें लिखने, सुधारने और सँवारने में मैंने अपना सबकुछ झोंक
A Science that was preserved and associated largely as a support to martial arts and warfare can now be used and applied for normal healing on a wide range of physical and mental diseases as a result of research and application, since 1993, of this l
इस अफ़साने को लिखने की एक वजह यह भी रही कि मुझे स्माइलियों की भाषा बहुत रोचक जान पड़ी थी। मेरी एक चिंता यह भी थी कि इसके साथ हमारे शब्द, उनमें छुपे एहसास, एहसासों को ज़ाहिर करने के इंसानी तौर-तरीक़े, इंसान का अपना शब्दकोश, ये सब मर तो नहीं रहे हैं। म
यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश है। सावरकर की प्रचलित छवियों के बरक्स यह किताब उनके क्रांतिकारी से राजनेता और फिर हिन्दुत्व की राजनीति के वैचारिक प्रतिनिधि तथा पुरोधा बनने तक के वास्तविक विकास क्रम को समझने का प्रयास
यह बेस्टसेलिंग पुस्तक सरल भाषा में सिखाती है कि पैसे की सच्चाई क्या है और अमीर कैसे बना जाता है। लेखक के अनुसार दौलतमंद बनने की असली कुंजी नौकरी करना नहीं है, बल्कि व्यवसाय या निवेश करना है। यह मिथक तोड़ती है कि अमीर बनने के लिए ज़्यादा कमाना ज़रूर
Stress Management Guide Read more
पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक
हिमाच्छादित पहाड़ की छटा, उनमें उमड़ते-घुमड़ते मखमली बादल, दूर तक कल-कल करते झरनों-सरिताओं के स्वर, देखने-सुनने में जितने मनमोहक होते हैं, वहाँ का जीवन उतना ही कठिन होता है। कभी भूस्खलन तो कभी बादल फटने जैसी घटनाएँ आमतौर पर देखी जाती हैं। सुख-सुविधाओ
कनॉट प्लेस से मेरा पहला साक्षात्कार संभवतः 1970 के आसपास हुआ था। मतलब मुझे तब से इसकी यादें हैं। इसके आसपास दशकों तक रहना, पढ़ना, नौकरी करना, घूमना, फ़िल्में देखना वग़ैरह जिंदगी का हिस्सा रहा। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। जब तक जिंदगी है, तब तक कनॉट प
Chhote se gaaw ki kahani janha do kirdar ak hi sath padhte hai. Ishq hota hai.dono ak dusre se bepanaah mohabbat karte hai. Ladki aage jati hai .UPSC crack kar leti hai.ladka insecurity aur sab mansik chinatan ,wo kaha kiske sath hogi.isi me uljha ho
समय के चालाक और कुटिल हेर-फेर के बाद बनारस के घोर-घनघोर जीवन को एक ऐसे किस्सागो की जरूरत थी, जो वक्त के साथ उतनी ही बेहयाई और बेरहमी से पेश आने की कुव्वत रखता हो। विमल चन्द्र पाण्डेय इस जरूरत को पूरा करते हैं। उनकी कहानी ‘जिन्दादिल’ का सिर्फ एक वाक्य
लेकिन इंदिरा गांधी ही क्यों? आजाद भारत में इंदिरा गांधी वंशवाद का सबसे बड़ा और पहला उदाहरण हैं। वंशवाद का एक ऐसा उत्पाद, जिसको लौह महिला भी कहा जाता है और दूसरी तरफ आपातकाल थोपने के लिए हर साल उनकी तानाशाही को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। एक तरफ
हॉकी सम्राट्’ और ‘हॉकी के जादूगर’ जैसे विशेष्णों से विभूष्त मेजर ध्यानचंद का नाम किसी के लिए भी अपरिचित नहीं है। बचपन में उनमें एक खिलाड़ी के कोई क नहीं थे, इसलिए कह सकते हैं कि उनमें के खेल की प्रतिभा जन्म जात नहीं थी।उन्होंने अपनी सतत साधना, लगन, अ
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आशुतोष राना की यह पुस्तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन-दर्शन पर आधारित है। उन्होंने अपनी विशिष्ट लेखन शैली में उन प्रसंगों की व्याख्या की है जो आमजन के मस्तिष्क में उमड़ते-घुमड़ते रहे हैं। पुस्तक इतनी रोचक है कि एक बार पढ़ना
Satya Ki Vijay Rajiv Gandhi Ki Hatya Read more