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गुरु आप को यह बताता हैं क्या करना है अध्यापक आप को यह बताता हैं कैसे करना हैं ! जैसे हमें जो स्पेशल पढ़ाई करनी है यानी कि इंजीनियरिंग ,डॉक्टर जो भी करनी है उसके लिए हमें पहले 12th तक तो पढ़ाई करनी ही पड़ेगी इसलिए इसी तरह से जो हमारी सोल होती है जो हमारी आत्मा होती है उसे मोक्ष प्राप्त करना होता है ! तो मोक्ष प्राप्त करने के लिए उसे छोटे-छोटे पाठ सीखने पड़ते हैं ! जैसे इंजीनियरिंग करने के लिए तो पहले थोड़ी पढ़ाई करनी पड़ती है ,पहले भाषा सीखनी पड़ती है ,थोड़ी बेसिक चीज सीखनी पड़ती है ! उसके लिए हम फर्स्ट सेकंड थर्ड फोर्थ क्लास करते हैं जो हर तरह के प्रोफेशन के लिए जरूरी है इसलिए 8 तक आपका कोई सब्जेक्ट चुनने का ऑप्शन नहीं दिया जाता ,सारे सब्जेक्ट पड़ने पड़ते हैं ! इसी तरह से जो आत्मा का लक्ष्य है मोक्ष उसके लिए कुछ लेसंस ऐसे होते हैं जो सबको ही सीखने पड़ते हैं! सामाजिक जीवन सबको सीखना पड़ता है तो इसलिए हर जन्म में सबका अलग-अलग लेसन होता है! हमारे जो अलग-अलग जन्म है वह हमारी अलग-अलग क्लास है पहले जन्म हमारी पहली क्लास है तो इस तरह से अलग-अलग क्लास होती है ,तो जो एक गुरु होता है वह हमारे पहले जन्म से लेकर आखिरी जन्म तक हमें रास्ता दिखाता है, तो अब इस जन्म में हम कौन सी क्लास में है और कौन से लेसंस हमको सीखने हैं उसके लिए उसे के अध्यापक हमारे जीवन में आते है! क्योंकि हर अध्यापक हर सब्जेक्ट में परफेक्ट नहीं होता यह आप जानते हैं हर अध्यापक अलग-अलग चीज सिखाता हैं, तो इस जन्म का जो हमारा सिलेबस है उसके लिए कौन से अध्यापक चाहिए ! उसके लिए अध्यापक चुनता हैं हमारा गुरु ! गुरु जो है पहले जन्म से लेकर आखिरी जन्म तक हमें रास्ता दिखाता है और अध्यापक हमारे जीवन में अलग-अलग आते हैं !
अध्यापक कितने प्रकार के होते हैं
पहले जो किताबी ज्ञान देते हैं आपको आपको चीजों को समझने के लिए भाषण को सिखाते हैं साइंस अगर आप साइंस सीखना चाहते साइंस की भाषा सीखने हैं हिंदी लैंग्वेज सीखने हैं इंग्लिश लैंग्वेज सीखने हैं लैंग्वेज सीखने हैं भाषा सीखने हैं मैथ्स की लैंग्वेज सीखने हैं तो जो किताबें ज्ञान देते हैं जैसे कि स्कूलों में कितने होते हैं
दूसरे जो जीवन की समस्याओं का समाधान करना सीखना है जिसे हमारे माता-पिता है हम उन्हें देखते हैं हमारे आसपास के लोगों को को देखते हैं उनके बड़े लोगों की कहानी पढ़ते हैं उन लोगों के हमारे कोई नेता अभिनेता है सफल लोग हैं उनकी कहानी देखकर हम जीवन की समस्याओं को जीवन की समस्याओं का समाधान करना सिखाते हैं तो वह भी हमारे जीवन के लिए एक अध्यापक है जो हमें यह सीखते हैं
कड़क पिक्चर अध्यापक है वह पनिशमेंट देता है माता-पिता पनिशमेंट देते हैं इसी तरह से जो भगवान है या गुरु है वह हमारे जीवन में कभी-कभी एक कड़क अध्यापक लेकर आता है जो आपके दिल पर ऐसा वर करता है कि आपको आपका जीवन का रास्ता मिल जाता है कई बार आपने देखा होगा कि कोई कहता है कि इस लड़की ने मेरा दिल तोड़ दिया इसलिए बोला अभी कुछ दिन पहले मैंने भी एक इंसान का जो कॉमेडियन है उसका देखा उसने कहा कि मुझे एक लड़की ने कहा कि तुमने और मुझ में तो जमीन आसमान का अंतर है किसी से कि वह आपको आपकी अंतरात्मा को हिला देता है और आप अपने जीवन के रास्ते पर चल जाते हैं ऐसे बहुत सारी कहानी है इसीलिए इस बार किया क्या था एक अध्यापक था वह भी आपके लिए जिससे आपके हम परिवार किया और अगर वह हम परिवार नहीं करता तो आप वहीं के वहीं रह जाते हैं कोई बोलता है अपने पिता के पैसों पर इतना एट रहा है तो जहां आपका दिमाग खुल जाए वह एक कड़क अध्यापक आपके लिए भेजा गुरु में
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अंतर गुरु एक होता है और अध्यापक बहुत सारे होते हैं क्योंकि हमें बहुत सारी चीज़ सीखने और अध्यापक एक चीज का एक्सपर्ट होता है आपको एक चीज सीखना है लेकिन एक चीज पर पूरी जिंदगी नहीं चलती है तो बहुत सारे अध्यापक हमारे जीवन में आते हैं इसलिए जो अध्यापक है वह बहुत सारे हो सकते हैं लेकिन गुरु एक होता है
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अंतर यह है कि गुरु आपको नहीं दिखता है नहीं पता आपका गुरु कौन है तो भी वह शुरू से आपके साथ है लेकिन जब आपका ध्यान खुलता है आपकी समझने की शक्ति खुलता है तो आपको पता चलता है कि यह आपका गुरु है लेकिन गुरु की नजर आपके ऊपर हमेशा है आपका कौन से गुरु हैं यह आपको बाद में पता चलता है आपने देखा होगा कई लोग किसी गुरु को फॉलो करते हैं बाद में फिर गुरु बदल देते हैं उनके गुरु है क्योंकि सबके अलग-अलग होते हैं जो उनके गुरु है जब तक नहीं मिलता तब तक उनकी आत्मा को शांति भी नहीं अध्यापक आपके जीवन में बहुत सारे आते हैं क्योंकि हमें बहुत सारी चीज सीखनी है अपने लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए
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अंतर यह है गुरु आपको आपके जीवन लक्ष्य तक ले जाता है जो गुरु का में जो ज्ञान होता है वह आपका जीवन लक्ष्य होता है जिस लक्ष्य को लेकर आप इस दुनिया में आए हैं या आपका जो अंतिम मोक्ष पाने का जो लक्ष्य है उसे लक्ष्य में आपकी इस जैसे कि मान लीजिए आपको इंजीनियर बनना है तो उसके लिए आपको पहले फर्स्ट सेकंड थर्ड फोर्थ 12th क्लास पढ़नी पड़ेगी फिर और कुछ कोर्स करने पड़ेंगे उसके बाद आप इंजीनियर हमारा लक्ष्य जीवन का मोक्ष है उसके लिए हमारे हमारे जो जन्म होते हैं वह हमारी अलग-अलग क्लास होती है अब हम कौन सी क्लास में है यह डिपेंड करता है आपकी सोल कितनी पुरानी है तो इस क्लास में आपका क्या सिलेबस है आपका इस क्लास में क्या सिलेबस है यह जानने के लिएइस जन्म का हमारा क्या सिलेबस है हमारी आत्मा का जो यह सफर है इसका क्या सिलेबस है इस कौन सी क्लास में है हम उसे सिलेबस को सीखने के लिए हमें मदद करते हैं अलग-अलग टीचर से अधिक अध्यापकों से हमें मिलते हैं और अगर हम अपने लाइसेंस को नहीं समझते हैं तो एक कड़क टीचर हमारे जीवन में लेकर आते हैं
क्या आध्यात्मिक टीचर गुरु हैं ?
सभी स्पिरिचुअल टीचर्स गुरु नहीं है आज के जमाने में स्पिरिचुअलिटी को प्रोफेशन भी बनाया है लोगों ने ऐसा नहीं कह रही मैं किस तरफ पैसा कमा रहे हैं लेकिन आत्मा से सीखते हैं मन से सीखते हैं लेकिन जो उनका लाइफ परपज है लोगों को सिखाना उसी को भगवान ने उनका पैसा कमाने का जरिया भी बनाया है क्यों क्योंकि पैसा तो सबको जीवन में चाहिए सब चीज के लिए चाहिए क्योंकि अगर हम सांसारिक जीवन में आए हैं तो धन की जरूरत है या फिर संन्यास लेकर दूर चले जाते हैं तो धन की जरूरत कम होती है भिक्षा में काम चल जाता है या आश्रमों में रहकर काम चल जाता है लेकिन अगर हम सांसारिक जीवन में रह रहे हैं तो हमें धन की जरूरतहै तो जिसका जो लाइफ परपज है वहीं अगर उसका धन कमाने का जरिया भी है तो जीवन एक अलग ही दिशा ले लेता है एक अलग ही सफलता मिलती है तो जो स्पिरिचुअल टीचर है उनका धन कमाने का जरिया भी वही है और आपने देखा होगा कि आजकल हम बहुत सारी चीज देखते हैं जो स्पिरिचुअल चीज हैं हीलिंग मैथर्ड है वह सोच रहे हैं तो कोई किसी चीज में एक्सपर्ट होता है कोई किसी चीज में एक्सपर्ट होता है कोई किसी चीज में सब लोग कई लोग सब चीज भी सिखाते हैं लेकिन एक्सपर्ट वह एक चीज में होते हैं विश्वास उनका उनका एक चीज में होता है तो हम कोई चीज किसी से सीखते हैं कोई चीज किसी से सीखते हैं इसका मतलब आध्यात्मिक गुरु हमारे जीवन में बहुत होते हैं लेकिन जो आध्यात्मिक टीचर हमारे जीवन में बहुत होते हैं लेकिन गुरु जो है वह एक होता है गुरु आपके सामने आपको पूरा ज्ञान मिलने पर आता है जब आप अपने मिल लेसन पर आ जाते हो तब आपके सामने आते हैं जैसे अगर आपको इंजीनियर बनना है तो सारे सब्जेक्ट पढ़ते पढ़ते हैं 10th तक सारे सब्जेक्ट पढ़ते पढ़ते हैं उसके बाद आप अपने सब्जेक्ट्स को सेलेक्ट करते हैं सीखने के बाद एक लेवल पर आएंगे और आपको लगेगा कि नहीं यह मेरा में सब यह मेरी चीज है वह भी मुझे आगे तक पहुंच जाएगी सीखा मैंने क्रिस्टल भी है सीखा मैंने कलर थेरेपी भी है सब कुछ है तो आपका जो में सब्जेक्ट है एक लेवल के बाद आपके सामने आएगा और धीरे-धीरे जब आप जाते हैं 11th कर लेते हैं उसके बाद आप मीन क्लास में इंटर होते हैं जैसे कि इंजीनियरिंग में का की क्लास में तो तब आपको वह आपके में लक्ष्य तक आपको पहुंचा रही है उसके बाद हमारे जो में गुरु है कौन-कौन सी क्लास में है कौन-कौन से आत्मा की अपनी क्लास में है कौन से जन्म की क्लास में है यह उसे चीज पर डिपेंड करता तो इसलिए सबका आध्यात्मिक सफर अलग है आपने देखा होगा कई लोग कई सालों पर नहीं पहुंचते जो 4 महीने में पहुंच जाते हैं की जन्म पीछे से तो मुझे लगता है कि मैं अपना बिंदु क्लियर कर दिया है यह मेरी सोच है हो सकता है कि जो जी कॉन्शियस लेवल पर मैं हूं वहां पर यह समझ हो सकता है कि आपके समझ मुझसे ज्यादा हो सकता है आपकी समझ में से कम हो लेकिन मैंने अपने ज्ञान के आधार पर डाला है मुझे
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