जिंदगी सुहाना है मगर मौत का फसाना है जब तक है जिंदगी हम दुनिया के बंदगी जीते हैं जब तक हम कुछ करके देखे हम यह जिंदगी हमें मां-बाप तो देते हैं उन कर्तव्यों को पूरा करने का मार्ग हमें गुरु देते हैं ना गुरु होते ना यह ज्ञान होता ना शीष देते न कर्तव्य पूरा होता इस दुनिया की आतंकियों का ना कटाक्ष रोक पाते इस ज्ञान से हम सार को भी पार कर जाते।