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अशोक कुमार

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पुस्तक के भाग

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ग्यारह अमावस - 1

6 अगस्त 2022
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 हरिया ने एक नज़र जंगल में चरती अपनी भेड़ों पर डाली। सभी आराम से चर रही थीं। वह अपने खाने की पोटली लेकर चश्मे के पास चला गया। वहाँ एक पत्थर पर बैठकर उसने पोटली खोली। आज भी उसकी पत्नी ने रोटी और लहसुन

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ग्यारह अमावस - 2

6 अगस्त 2022
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 चारों तरफ पहाड़ों से घिरा बसरपुर एक शांत कस्बा था। सूरज की पहली किरण के साथ ही लोग जाग गए थे। सब अपने अपने कामों में लग गए थे। सड़क के किनारे बनी चाय की दुकानों में भट्टी जल चुकी थी। उन पर चढ़े पतीलो

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ग्यारह अमावस - 3

6 अगस्त 2022
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 गुरुनूर ने पिछली तीन लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स को ध्यान से पढ़ा। पहली लाश जो पूरब के पहाड़ वाले जंगल में मिली थी उसकी रिपोर्ट के अनुसार हत्या का समय लाश मिलने के दो से तीन हफ्ते पहले बताया गया थ

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ग्यारह अमावस - 4

6 अगस्त 2022
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 लाश वाली जगह से लौटते हुए गुरुनूर शांति कुटीर पर रुकी। सब इंस्पेक्टर रंजन सिंह और कांस्टेबल हरीश के साथ अंदर गई। अंदर इमारत किसी आश्रम की तरह लग रही थी। गेट से अंदर की तरफ एक रास्ता जा रहा था। उसके द

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ग्यारह अमावस - 5

6 अगस्त 2022
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 चीज़ सामने आई थी जो कुछ मदद कर सकती थी। मरने वाले किशोर की दाईं टांग में मेटल की एक प्लेट लगी थी। जिस पर एक नंबर था। जिसकी सहायता से यह पता चल सकता था कि प्लेट किस अस्पताल में, किस सर्जन द्वारा, किस

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ग्यारह अमावस - 6

6 अगस्त 2022
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 दोनों पति पत्नी अभी कुछ समय पहले मिली दुखद खबर को सह नहीं पा रहे थे। गुरुनूर ने सब इंस्पेक्टर आकाश दुबे की तरफ देखा। वह भी समझ नहीं पा रहा था कि क्या किया जाए। वह उठकर अजय के पास गया। उन्हें तसल्ली द

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ग्यारह अमावस - 7

6 अगस्त 2022
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 जलती हुई मशालों की रौशनी में वह जगह आदिम युग की किसी गुफा की तरह दिख रही थी। अंधेरे और उजाले के मिले जुले प्रभाव में तहखाने का माहौल बहुत ही रहस्यमई लग रहा था। मशाल की रौशनी जांबूर के मुखौटे पर पड़ र

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ग्यारह अमावस - 8

6 अगस्त 2022
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 गगन सोकर उठा तो दिन चढ़ आया था। वह उठकर बाहर आया। बरामदे में धूप थी। कुछ देर वह वहीं एक मोढ़ा लेकर बैठ गया। बहुत समय के बाद वह अपने घर के बरामदे में इतने इत्मिनान से बैठा था। इससे पहले जब भी आता था क

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ग्यारह अमावस - 9

6 अगस्त 2022
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 किसी तरह बाइक घसीट कर वह अपने घर ले गया था। उस रात देर तक जागते हुए वह महिपाल के बारे में सोच रहा था। वह ताकतवर बनने की बात कर रहा था। बचपन से वह खुद भी तो यही सोचता रहा था कि काश उसे कुछ ऐसा मिल जाए

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ग्यारह अमावस - 10

6 अगस्त 2022
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 शांति कुटीर में कुछ मेहमान ‌आए थे। यह एक मध्यमवर्गीय परिवार था। परिवार में निशांत चतुर्वेदी, उनकी पत्नी देवयानी चतुर्वेदी और चौदह साल की बेटी अहाना चतुर्वेदी थी। चतुर्वेदी परिवार अहाना के लिए ही यहाँ

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