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भाग तीन...

17 फरवरी 2022

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रचनाएँ
दिल ही तो हैं..... ❤
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ये कहानी एक ऐसे विषय पर हैं.... जिस विषय पर हम आज तक खुलकर किसी से बात नहीं कर सकते..। इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं पर विषय हमारे समाज में चल रहें एक बेहद विचारणीय मुद्दे पर हैं...। आपका सहयोग और प्यार बनाएं रखें...। कुछ आपत्तिजनक लगे तो कृपया विवेक से काम ले...सिर्फ एक कहानी हैं...एक सोच हैं...।
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दिल ही तो हैं....❤ पहला अध्याय....

4 फरवरी 2022
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आकांक्षा..... ओ आकांक्षा..... कहाँ हैं ये लड़की...। काम के वक्त हमेशा घुम हो जाती हैं...। हजार बार समझाया हैं घर के कामों में थोड़ा हाथ बंटा दे पर नहीं.... मेरी तो सुनती ही नहीं हैं...। अरे चाची

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दिल ही तो हैं....❤ दूसरा भाग..

9 फरवरी 2022
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किरण:- तुझसे और तेरे पापा से जीतना मेरे बस की बात नहीं हैं.... हर बात का जवाब हाजिर हैं तेरे पास...। आकांक्षा:- एक पापा ही तो हैं जो मेरी हर बात समझते भी हैं और साथ भी देते हैं...। किरण:- हा

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भाग तीन...

17 फरवरी 2022
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अगले दिन..... विशाल फोन पर:- हैलो अक्कु कहाँ हैं तू... आकांक्षा:- हैलो विशाल....खबरदार जो दुबारा कभी मुझे अक्कु बुलाया तो....ये सिर्फ मेरे पापा मुझे बोल सकते हैं समझा....अभी बोल फोन क्यूँ क

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दिल ही तो हैं... भाग चार....

21 फरवरी 2022
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आकांक्षा मन ही मन सोचते हुए:- पता नहीं क्यूँ ऐसा सोच रहीं हूँ पर बहुत प्यारी लड़की थी...। बहुत ही मासूम और आवाज भी कितनी मीठी थी...। सोचते सोचते वो मैदान में पहुंचीं...। कुछ ही देर में बाकी खिलाड

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दिल ही तो हैं..... भाग 5

24 फरवरी 2022
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जैसे तैसे शाम का वक्त हुआ.... फाइनल मैच का वक्त.... जिसका आकांक्षा ना जाने कब से इंतजार कर रहीं थी....। लेकिन आकांक्षा को आज किसी बात की सुधबुध ही नहीं थी.... वो ना जाने क्यूँ सिर्फ आरोही के ख्यालों म

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दिल ही तो हैं... भाग 6

28 फरवरी 2022
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विशाल उन दोनों को देखकर:- अरे आकांक्षा तु यहाँ... तु तो घर गई थी ना....? आकांक्षा:- नहीं विशाल मैं किसी काम से गई थी..। अच्छा ये बता मैच का क्या हुआ..! विशाल:- तेरे बिना क्या होगा यार.... मु

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दिल ही तो हैं.... भाग 7

28 फरवरी 2022
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वहीं दूसरी ओर आरोही का भी ये ही हाल था....। उसी रात.... आकांक्षा फोन पर:- हैलो आरोही..। आरोही:- हैलो... कैसी हो तुम..। आकांक्षा:- मैं ठीक हूँ... तुम कैसी हो...। आरोही:- मैं भी

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दिल ही तो हैं..... अंतिम भाग...।

28 फरवरी 2022
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खाना खाने के बाद आकांक्षा अपने पापा और मम्मी को बिठाकर बात करने ही वालीं थी की उसे आरोही का फोन आया...। आकांक्षा :- हैलो..... आरोही.... क्या हुआ.... इस वक्त फोन...। आरोही रोते हुए:- आकांक्षा

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