स्त्री पुरुष के बीच के रिश्तों के कमजोर पड़ने की एक वजह पुरुषों की यौन समस्याएं भी होती हैं। कई बार ये समस्याएं उनको उनके पार्टनर के सामने शर्मिंदा भी करा देती हैं। अतः इनका सही उपचार होना अत्यंत आवश्यक होता है। आइये सबसे पहले जानते हैं पुरुषों यौन समस्याओं के बारे में
आयुर्वेद एक सरल प्राकृतिक चिकित्सा पद्दति है। सामान्य रोगों से लेकर यौन रोगों तक का इस पद्दति से आसानी से उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेद के कई प्राचीन ग्रंथों में यौन रोगों के उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। आज के समय में 10 में से 1 पुरुष किसी न किसी यौन
बच्चों में स्किनएलर्जी की समस्याकाफी जल्दी होजाती है। असल में उनकीस्किन काफी नाजुकतथा कोमल होतीहै इसलिए बच्चोंकी स्किन कीदेखभाल करना बहुतआवश्यक होता है।किसी भी बच्चेमें स्किन एलर्जीके कई कारण हो सकतेहैं। कई बार यह एलर्जीकाफी दिन तक सही नहींहोती है। धूल,धूप तथा मिट्टीमें खेलने केकारण बच्चों मेंस्किन
गिलोय को आयुर्वेदमें अमृता कहाजाता है। यह इसलिए क्योंकी यह अमृत के सामानहै। इसका सेवनप्रत्येक आयु वर्गका व्यक्ति करसकता है। इसकाआकार पान के पत्ते कीतरह होता है।बच्चों को स्वस्थरखने के लिए भी यहअत्यंत लाभकारी है।6 वर्ष से 10 वर्षतक के बच्चोंको इसका सेवनकराया जा सकता है। असलमें बच्चों कीरोग प्रतिरोधक
आज के समयमें वातावरण मेंकितना प्रदुषण हैइस बात को सभी अच्छेसे जानते हीहैं। इसी प्रदुषणके कारण वर्तमानमें लोग सांसया अस्थमा सेबड़ी संख्या मेंग्रस्त हैं। आज के समयमें सांस फूलनेकी समस्या आमहो चुकी है।यह समस्या सूजन,संक्रमण, प्रदूषित वातावरण, धूम्रपानकि आदत तथा आनुवंशिक आ
स्त्री और पुरुषका कई बार इतना कमजोरपड़ जाता है की वहअंततः ख़त्म ही हो जाताहै। ऐसा भी देखा गयाहै कि स्त्रीपुरुष के रिश्तेके कमजोर पड़नेके पीछे यौनसमस्याएं होती हैं।पुरुषों की यौन समस्याएं कई बार उनको पार्टनरके सामने शर्मिंदाकर देती हैं।अतः सही समय पर इनसमस्याओं का सहीउपचार होना बहुतआवश्यक होता है।आयुर्व
गिलोय एक ऐसीआयुर्वेदिक औषधी है,जिसका सेवन हर आयु वर्गका व्यक्ति करसकता है। इसकाआकार पान के पत्ते कीतरह होता है और यहबेल के रूप में पाईजाती है। गिलोयको गुडुची केनाम से भी जाना जाताहै। इसका वैज्ञानिकनाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलियाहै। इस औषधी का उपयोगप्राचीनकाल से एकख़ास घटक के रूप सेआयुर्वेदिक में कियाजाता
वर्तमान समय मेंजीवन में बहुतज्यादा भागदौड़ होचुकी है। जीवनमें जितनी गतिशीलताबढ़ी है उतना ही तनावभी बढ़ा है। तनाव सेकई प्रकार कीसमस्याएं पैदा होतीहैं जो मानव जीवन कोप्रभावित करती हैं।आज युवाओं मेंतनाव के कारण यौन समस्याएंलगातार बढ़ रहीं हैं। युवाओंमें तनाव से कई प्रकारकी यौन समस्याएंबढ़ रहीं हैं। युवाओ मे
वर्तमान समय मेंमहिलाएं में बहुतसारी समस्याएं देखनेको मिलती हैं।जब महिलाओं मेंपीरियड्स की शुरुआतहोती है, उस अवस्था मेंमहिलाओं में बहुतसारे हार्मोनल चेंजेसहोते हैं। जैसेमहिलाओं के शरीर पर बालोंका आना, चेहरेपर कील मुहांसोका होना। यहसभी प्रक्रियाएं हार्मोन्सके बदलाव केकारण शरीर मेंहोते हैं। बहुतसी महिला
हमारा पाचन तंत्रहमारे पुरे जीवनको प्रभावित करताहै। इसके ख़राबहोने पर एसिडिटी,अफरा या दर्द जैसी समस्याएंहोने लगती हैं।वर्तमान समय में महिलाएं भी पाचन तंत्र कीसमस्याओं से काफीपरेशान हैं। 30-35 याउससे अधिक उम्रकी महिलाओं मेंयह समस्या काफीदेखने को मिल रही है।असल में इस आयुवर्ग की महिलायेंग्रहणी या जॉब वर
गिलोय आयुर्वेद की एक ऐसी औषधीहै, जिसका सेवनहर उम्र का व्यक्ति कर सकता है। यहबेल के रूप में पाईजाती है और इसका आकारपान के पत्तेकी तरह होताहै। प्रत्येक आयुवर्गके लोगों केलिए यह बहुत लाभदायक होती है।यह मानव शरीरकी रोग प्रतिरोधकक्षमता को बढ़ानेमें बहुत मददगारहोती है। इसी कारण इसकासेवन करने वालेबीमार होने
गिलोय एक ऐसीऔषधी है जो सभी रोगोंमें लाभकारी साबितहोती है। इस औषधी केइतने गुण तथा लाभ हैंकी आयुर्वेद मेंइसको अमृता केनाम से भी जाना जाताहै। गिलोय पानके पत्तों केआकार की एक बेल होतीहै। इसकी सबसेबड़ी खासियत यहहोती है की यह जिसभी पेड़ पर चढ़ जातीहै उसके गुणोंको भी अपने में ध
पान के पत्तों की तरह दिखाई देने वाली गिलोय की बेल एक असाधारण आयुर्वेदिक औषधी है। यह हमारे देश में सभी स्थानों पर आसानी से मिल जाती है लेकिन इसके लाभों को बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस औषधी की सबसे ख़ास बात यह है की सभी आयु वर्ग के लोग इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन तथा फॉस्फोरस काफी ज्
Most women areexperiencing the condition like “Menstrual Problem” in some form or another -you have an important presentation at work, and you’re doubled over with periodcramps, or you have a festive occasion, and you’re so bloated which does notfeel like wearing a new outfit and makes your mood off
हेल्लो दोस्तों आज में अपने इस पोस्ट म
एक शख्स, जो अगर जिंदा रहता, तो अब तक भारत में स्वदेशी और आयुर्वेद का शायद सबसे बड़ा ब्रांड बन चुका होता. बाबा रामदेव से भी बड़ा. कहा जाता है कि इस शख्स को रामदेव प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखते थे. ये शख्स, जिसके राष्ट्रवाद की कल्पना ‘स्वदेशी और अखंड भारत’ के इर्द-गिर्द बुन