हमारा पाचन तंत्र
हमारे पुरे जीवन
को प्रभावित करता
है। इसके ख़राब
होने पर एसिडिटी,
अफरा या दर्द जैसी समस्याएं
होने लगती हैं।
वर्तमान समय में महिलाएं भी पाचन तंत्र की
समस्याओं से काफी
परेशान हैं। 30-35 या
उससे अधिक उम्र
की महिलाओं में
यह समस्या काफी
देखने को मिल रही है।
असल में इस आयुवर्ग की महिलायें
ग्रहणी या जॉब वर्कर्स होती हैं।
जॉब वर्कर्स महिलाओं
का अधिकतर समय
घर के बाहर ही गुजरता
है। ज्यादा समय
बाहरी वातावरण में
रहने तथा खाने
पीने के परिणाम
स्वरुप पेट खराब
होने लगता है।
इसी प्रकार बहुत
सी महिलायें अधिकतर
घर के अंदर ही गृहणी
के रूप में रहती हैं।
जिनका पेट सही खानपान न
होने के कारण भी खराब
हो जाता है।
पेट तथा पाचन
संबंधी
समस्याएं
-
1 - पेट दर्द होना।
2 - कब्ज की समस्या।
3 - पेट में छाले
होना।
4 - भूख न लगना।
5 - पेट में जलन
होना आदि।
35 वर्ष
से
अधिक
आयुवर्ग
की
महिलाओं
में
पेट
की
समस्याओं
का
समाधान
-
इस आयुवर्ग की अधिकतर
गृहणी या जॉब वर्कर्स होती हैं।
जिनका समय अधिकतर
बाहरी स्थान पर
ही गुजरता है।
ऐसे में बाहरी
वस्तुओं के सेवन के कारण
तथा खानपान की
गड़बड़ी के कारण पाचनतंत्र खराब हो ही जाता
है। इसी प्रकार
गृहणियों के दूषित
खानपान के कारण पेट की
समस्याएं होती हैं।
आगे चलकर ये समस्याएं ज्यादा गंभीर
हो सकती हैं।
यदि ऊपर लिखे
लक्षणों को ध्यान
में रख कर समय से
लोग अपना उपचार
करा लेते हैं
तो भविष्य में
कोई समस्या नहीं
हो पाती है।
यदि ये लोग पॉचस्ट सीरप या कैप्सूल का
सेवन प्रतिदिन करते
हैं तो उनको सामान्य लोगों से
पेट की समस्याओं
का ख़तरा कम ही होता
है। कई बार बजन उठाने
या ज्यादा घूमने
फिरने का कार्य
भी पेट की समस्याओं का कारण बनते बनते
हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए
ये लोग पॉचस्ट
कैप्सूल का सेवन कर सकते
हैं। पॉचस्ट एक
सर्वाधिक गुणकारी औषधी है।
इस औषधी का मानव शरीर
पर कोई दुष्प्रभाव
नहीं होता है।
इस औषधी में
त्रिफला, अमलतास, स्वर्ण पत्री,
वायविडगं जैसी प्राकृतिक
ओषधियां हैं जो पेट को
स्वस्थ रखने में
बहुत कारगर होती
हैं।
पेट तथा पाचन
तंत्र
की
समस्याओं
से
बचने
के
लिए
कुछ
उपाय
-
1 - तेज मिर्च मसलों
के भोजन से परहेज करें।
2 - ऑयली भोजन का
सेवन न करें।
3 - तनाव लेने से
बचें।
4 - प्रतिदिन
पॉचस्ट सीरप या टेबलेट का
सेवन करें।
5 - प्रतिदिन
व्यायाम करें तथा
अधिक पानी का सेवन करें।