वर्तमान समय में
जीवन में बहुत
ज्यादा भागदौड़ हो
चुकी है। जीवन
में जितनी गतिशीलता
बढ़ी है उतना ही तनाव
भी बढ़ा है। तनाव से
कई प्रकार की
समस्याएं पैदा होती
हैं जो मानव जीवन को
प्रभावित करती हैं।
आज युवाओं में
तनाव के कारण यौन समस्याएं
लगातार बढ़ रहीं हैं। युवाओं
में तनाव से कई प्रकार
की यौन समस्याएं
बढ़ रहीं हैं।
युवाओ में तनाव
से
बढ़ती
यौन
समस्याएं
-
1 - कामेच्छा
में कमी होना।
2 - नपुंसकता।
3 - शीघ्र पतन।
4 - स्वप्न दोष।
5 - धातु रोग।
6 - विलंवित स्खलन होना।
युवाओं में तनाव से बढ़ती यौन समस्याएं तथा उनका समाधान -
अधिकतर युवाओं को
शुरुआत में अपनी
यौन समस्या का
पता नहीं लग पाता है
लेकिन बाद में जब ये
समस्याएं बढ़ जाती
हैं तो कई अन्य समस्याओं
का कारण भी बन जाती।
है अधिकतर युवा
जॉब वर्कर्स, व्यापारी
या कॉलेज स्टूडेंट
होते हैं। जिनका
अधिकतर समय व्यापार,
जॉब या पढ़ाई में ही
बीतता है। ऐसे में तनाव
होना स्वाभाविक है
जो इन लोगों
के यौन स्वास्थ्य
को प्रभावित करता
है। यहीं से यौन समस्याओं
की धीरे धीरे
शुरुआत होती है।
इसके अलावा सही
समय पर सही भोजन न
करने के कारण पाचन तंत्र
सुचारु रूप से कार्य नहीं
करता, यह भी यौन शक्ति
की कमी के प्रमुख कारण
के रूप में देखा जाता
है। आयुर्वेद में
पुरुषों के यौन रोगों का
सबसे सही और प्रभावशाली उपचार उपलब्ध
है। आयुर्वेदिक ओषधियां
प्राकृतिक घटकों से
तैयार की जाती हैं अतः
वे मानव शरीर
पर कोई दुष्प्रभाव
नहीं डालती हैं।
यही आयुर्वेद की
सबसे बड़ी खासियत
है। कंदर्प चूर्ण
एवं सीरप (Kandarp Churna and Syrup) एक ऐसी ही आयुर्वेदिक
औषधी है जो मानव की
यौन समस्याओं में
बहुत लाभकारी सिद्ध
होती है। इस में शतावर,
कौंच बीज, विदारीकंद,
अश्वगंधा जैसी औषधियों
का संतुलित मिश्रण
है। अतः कंदर्प
चूर्ण एवं सीरप
(Kandarp Churna and Syrup) औषधी
शुक्रवर्धक, रक्तविकार तथा नपुंसकता
तथा अन्य यौन
समस्याओं में भी
बहुत लाभकारी है।
यदि आप कंदर्प
को सीरप के रूप में
सेवन करते हैं
तो इसकी दो दो चम्मच
सुबह शाम भोजन
करने के बाद वयस्कों को लेनी चाहिए। यदि
आप कंदर्प चूर्ण
का उपयोग करते
हैं तो 10 से
20 ग्राम चूर्ण सुबह
शाम भोजन करने
के बाद वयस्कों
को लेनी चाहिए।
इन चीजों को
भी
अपनाएं
-
1 - प्रतिदिन
व्यायाम तथा योगा
करें।
2 - किसी प्रकार का
तनाव न लें तथा पानी
अधिक पियें।
3 - शराब का सेवन
न करें या उसको सीमित
कर दें।
4 - धूम्रपान
को न करें या उसको
सीमित कर दें।
5 - विवंध से बचें।
6 - हरी सब्जियों तथा ताजे
फलों का सेवन करें।
7 - ड्राई फ़ूड का
सेवन करें।