पान के पत्तों की तरह दिखाई देने वाली गिलोय की बेल एक असाधारण आयुर्वेदिक औषधी है। यह हमारे देश में सभी स्थानों पर आसानी से मिल जाती है लेकिन इसके लाभों को बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस औषधी की सबसे ख़ास बात यह है की सभी आयु वर्ग के लोग इसका सेवन कर सकते हैं। इसमें
कैल्शियम, प्रोटीन तथा फॉस्फोरस काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है अतः यह मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत कारगर साबित होती है। सावन माह में कावड़ यात्रा का बहुत महत्व है। इस माह में देश भर के लोग कावड़ यात्रा पर जाते हैं। सावन माह में बरसात काफी ज्यादा होती ही है और ऐसे मौसम में कावड़ यात्रा के लिए जानें वाले लोग कई समस्याओं से ग्रसित भी हो सकते हैं। इन समस्याओं के निस्तारण के रूप में गिलोग अर्क एक बेहतर औषधी के रूप में कार्य करता है।
कावड़ यात्रियों के लिए गिलोय के फ़ायदे -
अधिकतर कावड़ यात्री पैदल ही इस धार्मिक यात्रा में भाग लेते हैं। ऐसे में बारिश होने पर वे पूरी तरह से भीग जाते हैं तथा जुकाम या सर्दी से होएं वाले कई समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। असल में ऐसा कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण होता है। इस स्थिति में गिलोय अर्क बहुत लाभकारी होता है। यह मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा कई प्रकार की संक्रमित समस्याओं से बचाता है। इसके अलावा कावड़ यात्री रास्ते में कई अलग अलग स्थानों पर रुकते हैं जिससे जल वायु परिवर्तन का असर भी उन पर होता है। जिससे उनके स्वास्थ्य के बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। बारिश के कारण सड़क पर मिट्टी तथा कीचड़ अधिक हो जाती है और जब यह कावड़ यात्रियों के संपर्क में आती है तो इसके वैक्टीरिया कई समस्याओं का कारण बनते हैं। गिलोय अर्क मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। इसके सेवन से मानव वैक्टीरिया, गंदगी, सर्दी-गर्मी के कारण होने वाले बहुत सी समस्याओं से आसानी से बच जाता है। कई बार वायु प्रदूषण से भी कावड़ यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अधिक दूरी तक पैदल चलने के कारण कई बार पेट की समस्याएं भी हो जाती हैं। इन सभी समस्याओं में गिलोय अर्क बहुत लाभकारी होता है। अतः कावड़ यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए यह एक अच्छे टॉनिक के रूप में कार्य करता है।
गिलोय अर्क के सेवन की विधि -
गिलोय अर्क को दूध, शहद, गुनगुना पानी, जूस, ग्रीन टी, हर्बल टी,
मैंगो पन्ना आदि के साथ मिलाकर भी लिया जा सकता है। गिलोय अर्क का कोई रंग तथा स्वाद नहीं होता है इसलिए यह ऊपर लिखित किसी भी चीज में मिलाकर आसानी से लिया जा सकता है। गिलोय अर्क के सेवन की बात की जाए तो इसकी चार चार बूंद सुबह शाम ले सकते हैं।
गिलोय अर्क के सामान्य लाभ –
1 - आयुर्वेद में गिलोय को अमृता के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह अमृत के समान ही शरीर की समस्त बीमारियों से रक्षा करता है।
2 - गिलोय अर्क को हर उम्र के व्यक्ति को स्वस्थ तथा बिमार दोनों अवस्थाओं में दिया जा सकता है।
3 - गिलोय अर्क किसी भी चूर्ण, टेबलेट या सीरप से ज्यादा प्रभावशाली और शीघ्र लाभ देने वाला होता है।
4 - गिलोय अर्क के सेवन से सभी में शारारिक, मानसिक तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
5 - यह फ्री रेडिकल्स डैमेज से सुरक्षित करता है तथा इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट मिलते हैं।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है की गिलोय अर्क का सेवन कावड़ यात्रियों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसके अलावा सामान्य लोगों को भी इसका सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। गिलोय अर्क का प्रतिदिन सेवन बच्चों तथा वयस्क दोनों ही लोगों लाभदायक होता है तथा उनको कई प्रकार की बीमारियों तथा समस्याओं से निजात दिलाता है।