ओए टुन्ना! कहाँ बैठा है?, टुन्ना के पापा चीतू ने आवाज़ लगाई। पर कोई जवाब न आया। फ़िर अंदर कमरे में घुसते हुए, ओए टुन्ना! क्या अभी तक सो रहा है? (कोई होता तो ही जवाब मिलता, पर वहाँ तो कोई न था।) आख़िर कहाँ चला गया? टुन्ना! मैंने उससे कहा
काली बिल्ली रास्ता काट गई, (सच्ची लघु कथा)डॉ शोभा भारद्वाजमेरे डाक्टर पति भारत सरकार की तरफ से ईरान भेजे गये थे अत: हम बर्षो परिवार सहित ईरान के खुर्दिस्तान प्रांत में रहे थे उन दिनों ईरान एवं ईराक में युद्ध चल रहा था हम इराक ईरान की सीमा से अधिक दूर नहीं रहते थे लेकिन युद्ध असर यहाँ कम था बमवर्षक व