सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है डॉ शोभा भारद्वाज लाहौर सेंट्रल जेल ,23 मार्च 1931 को भोर ,इंकलाब ज़िंदा बाद के नारों से जेल की दीवारे थर्रा उठी थी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने हाथ जोड़े और अपना प्रिय आज़ादी गीत गाने लगे-कभी वो दिन भी आएगाकि जब आज़ाद हम होंगेंये अपनी ही ज़मीं होगीये अपन
क्यों है कांग्रेस की जवानी में आक्रोश! नेतृत्व में क्यों नहीं होता बदलाव?कांग्रेस में युवा नेताओं के बीच क्यों है आक्रोश? आजादी के बाद कई सालों तक सत्ता में रहने वाली देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस आज अंदरूनी अंतरद्वंद से जूझ रही है. वह लगातार जमीन छोड़ती जा रही है.ऐसे में शीर्ष पर राजनीति करन
वृद्धाश्रम.....पहले तो होते नहीं थे क्यूंकि पहले के वृद्ध खुद को वृद्ध समझते थे। आज के वृद्ध पहले जैसे नहीं रहे।पहले वृद्ध अपने नाती पोतों में व्यस्त होते थे।आज के बुजुर्ग फोन टीवी और लैपटॉप में।बदलाव आया है सबमें पहले के बुजुरगों को बच्चो की हर एक्टिविटी से मतलब होता था आज के बुज़ुर्ग को सिर्फ फोन
तथ्य : गुरु भगवान नहीँ है, समान भी नहीं है जैसा कि कबीर के शब्दों का आधार बनाकर हिंदुओ को मूर्ख बनाने का क्रम जारी है। शास्त्र या ई स्वंय शास्त्र स्वरुप भगवान श्रीकृष्ण जी ने कुरुक्षेत्र में भागवत गीता के संवाद में इस प्रश्न को गुरु पर व व्यक्ति की योग्यता व स्थिति को स्प
आनन्द स्कौलरशिपडॉ शोभा भारद्वाज नौएडा नया नया बसा था छोटे बच्चों के लिए स्कूलों की जरूरत थी हमारे परिवार का प्राईमरी तक स्कूल था | एक नेपाली, गोरे चिट्टे नेपाली लड़के को साथ लाया आपको स्कूल में काम करने के लिए किसी की जरूरत होगी यह लड़का ढाबे में काम करता मझे मिला लेकिन वहाँ बहुत दुखी था अत : आपके
काली बिल्ली रास्ता काट गई, (सच्ची लघु कथा)डॉ शोभा भारद्वाजमेरे डाक्टर पति भारत सरकार की तरफ से ईरान भेजे गये थे अत: हम बर्षो परिवार सहित ईरान के खुर्दिस्तान प्रांत में रहे थे उन दिनों ईरान एवं ईराक में युद्ध चल रहा था हम इराक ईरान की सीमा से अधिक दूर नहीं रहते थे लेकिन युद्ध असर यहाँ कम था बमवर्षक व
युगो-युगो तक टूट कर गिर जाने सेउम्र कम नहीं हो जाती,आसमान मे चमकोगे तारो की तरह।आकार के छोटा बड़ा हो जाने सेकोई भूल नहीं पाता,ईद-बकरीद,पूर्णिमा, करवाचौथ मे चाँद पूजा जाता।एक रंग मे ऊग कर,उसी रंग मे डूबजाने से औकाद कम नहीं होती।बन आंखो की रोशनी सारेजहाँकी, छठ पर्व मे सम्मानित किया जाता।सूख कर,धूल-बनकर
चुनाव जीतने के हथकंडे डॉ शोभा भारद्वाज लोकसभा केचुनावो का सीजन चल रहा है पहला चरण समाप्त हो गया अब दूसरे चरण का चुनाव हो रहा है| चुनाव जीतने केतरीके अब पहले जैसे नहीं रहे चुनाव आयोग की कोशिश रही है निष्पक्ष रूप सेचुनाव कराये जा सकें ,चुनावों में धन का अपव्यय न हो योग्य व्यक्तिचुनाव लड़ने
खून नहीं बहने देंगेसेना की सूझबूझ पर गर्व है,जिसे युद्ध, क़ुरबानी, शांतिऔर निर्माण अनुभव का।धिक्कार है उन परजिन्हें अनुभव है...सिर्फ़ दंगा, हिंसा,हत्या, विध्वंस,और बदअम्नी का...।राजनीति चाहे...लाशों पर हो, सेना पर,चाहे मंदिर-मस्जिद पर हो,देश विरोधी घृणित नीति कोदेश निकाला दे देंगे।सौगंध हमें इस मिट्
शोला नहीं, अंगार करोएक नहीं अब सौ-सौ बार करो,प्रतिदिन ऐसे ही पलटवार करो।सारा पाकिस्तान भस्म हो जाए,रणनीति अब कोई ठोस तैयार करो।आज मत करना श्रृंगार की बातेंनहीं करना किसी सरकार की बातेंबंद आज सारे गीत मल्हार करोरणनीति अब कोई ठोस तैयार करो।ललकार है आ जाओ अब रण मेंमिला दो दुश्मन को कण-कण मेंखुद को शोला
माननीय उच्चतम न्यायालय के आए निर्णय ने एक बार फिर उच्चतम न्यायालय के निर्णयों पर प्रश्नवाचक चिन्ह उठा दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने इस निर्णय द्वारा विभिन्न धार्मिक आयोजनों के अवसरों पर पटाखे जलाने की समयावधि, गुणवक्ता की डेसीबल व मात्रा तय की है। आखिर उच्चतम न्यायालय को आज कल हो क्या गया है? मू
अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग मन से मन की बातों को,शब्दों के जज्बातों को, सोचती जागती रातों को, अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग.......संबंधों की गहराई को, समय की दुहाई को, अपनों की अच्छाई को,अक्सर समझ नहीं पाते हैं लोग....... नेह से
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दुस्तान हमारा.सभी को हिदुस्तान की आज़ादी की बहुत बहुत बधाई.( आलिम)
क़ाफ़िया ज़िंदा आ स्वर रदीफ़ हूँ मैं वज़्न -२१२२ २१२२ २१२अरकान-फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन“गज़ल”क्या बताऊँ क्यों नहीं सुनता हूँ मैंहर घड़ी हैवान से लड़ता हूँ मैंदेख वह ले जा रहा है आदमीदौड़ कर रोको उसे कहता हूँ मैं।।फूलकर कुप्पा हुआ सहकार पाकब उठेंगे हाथ बस तकता हूँ मैं।।राम आए थे ब
प्यार एक ऐसा शब्द है जो सुनते ही मन खिल उठता है.......प्यार से प्यारा इस दुनिया में कुछ भी नहीं है. .....प्यार दो दिलो की दास्ताँ है .....प्यार दो दिलो का संगम है .........प्यार के बिना ज़िन्दगी अधूरी है .........प्यार के बिना जीवन अधूरा है .........लेकिन प्यार में