कल्पना को फिर सपने की वह लाल साड़ी और कुर्ता याद आया। कल्पना ने धीर से काम की दुनिया से छुट्टी ली मंगलवार की। आज कल्पना ने अपनी मामी को फोन करके रोहतक आने के लिए कह दिया। वह अपने आस पास के तीन चार बाजार में गयी। कल्पना साड़ी, कुर्ता पजामा पसंद करना चाहती थी। यह चाह धीर और सपना के लिए थी। नवरात्
साड़ी का नाम लेते हीभारतीय परिधान का नाम ज़हन में उभर आता है। बिकनी का नाम लेते ही स्वीमसूट की बातछिड़ जाती है। अपने इन दोनो तरह की ड्रेससमें बॉलीवुड डिवा को देखा होगा ही
चंदेरी मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित ऐतिहासिक महत्व रखने वाला शहर है. चंदेरी नाम की ही साड़ियां यहां करीब सात सौ साल पहले बनाना शुरू की गई थी. यूं तो चंदेरी साड़ी का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि इन साड़ियों की परंपरा भगवान कृष्ण के भांजे शिश
केरल की पांरपरिक सा़ड़ी कसावू ना सिर्फ ओणम बल्कि दूसरे मौकों पर भी पहनी जाती है. आगे पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करे ........ केरल की पांरपरिक सा़ड़ी कसावू में दमकती बॉलीवुड हीरोइन्स
"बनारस अगर जाए साड़ी लेके ही आएथोड़ा सा पगला थोड़ा दीवाना"फ़िल्म "और प्यार हो गया" का ये गीत तो आपने कई बार सुना ही होगाा जिसमें प्रेमी से ये उम्मीद रखी गई है कि वो अपनी प्रेमिका के लिए बनारसी साड़ी ज़रूर लेकर आए। ये गीत बनारसी साड़ी की लोक
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंटरनेशनल आइकन हैं और वे कुछ भी कह देते हैं तो वो हर जगह फेमस हो जाता है और लोग उसे फॉलो भी करने लगते हैं। सोशल मीडिया पर इस समय #sareeswag और #sareetwitter चल रहा है। यहां कुछ भी हैशटग बना दो तो दुनिया में ये ट्रेंडिंग लने लगता है और इंटरनेट पर ये तेजी से फैल जाता