फटी जींस फैशन या बाजारवाद की देन डॉ शोभा भारद्वाज मेरा लड़का बड़ी पोस्ट पर समझ लीजिये बॉस था रोज फार्मल पहनताथा शुक्र वार को पहनने के लिए इकलोती जींस थी रगड़- रगड़ कर धोने से रंग भी उड़ गयाघिस भी गयी इसके अंडर में काम करने वाली लड़कियों में चर्चा चली सर की जींस बहुतसैक्सी हैं उसके सहायक ने कहा अरे कहा शुक
चंदेरी मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित ऐतिहासिक महत्व रखने वाला शहर है. चंदेरी नाम की ही साड़ियां यहां करीब सात सौ साल पहले बनाना शुरू की गई थी. यूं तो चंदेरी साड़ी का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि इन साड़ियों की परंपरा भगवान कृष्ण के भांजे शिश
केरल की पांरपरिक सा़ड़ी कसावू ना सिर्फ ओणम बल्कि दूसरे मौकों पर भी पहनी जाती है. आगे पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करे ........ केरल की पांरपरिक सा़ड़ी कसावू में दमकती बॉलीवुड हीरोइन्स
हॉलीवुड हो या बॉलीवुड पोलका डॉट का ट्रेंड कभी पुराना नहीं होता है। सत्तर के दशक में ये ट्रेंड काफी पॉपुलर हुआ। अब पोलका डॉट फ़िल्मी परंपरा का हिस्सा बन चुका है। शायद ही कोई ऐसी बॉलीवुड डीवा होगी जिसने पोलका डॉट वाला ड्रेस ना पहना हो। अपने लेख के ज़रिए हम बताने वाले ही कि
चाहे टसर साड़ी हो, या लाल बार्डर और सफेद रंग साड़ी हो, या कॉटन साड़ी हो बंगाल की साड़ी पहनने के अनुठे स्टाईल से महिलाएं प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाती है। रही बात बंगाली दुल्हन की तो उसकी तो शोभा ही निराली होती है. हम अपने ब्लॉग के माध्यम से बॉलीवुड की उन बालाओं का जिक्र
बात राजस्थान की हो तो ज़हन में राजा और रजवाड़ों, भव्य महलों की कल्पना दिल में उभर आती है.अगर आप भी भविष्य में दुल्हन बननें का मन बना रही हैं तो आप भी राजस्थानी लुक अपना सकती है.आप बॉलीवुड की हीरोइन्स से इन्सपिरेशन लेकर खुद को रॉयल लुक दे सकती हैं. आगे पढ़ने के लिए लिं
बॉलीवुड में कई ऐसी फ़िल्में है जिसमें मुस्लिम कल्चर को बड़े ही खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है। कई फ़िल्मों में निकाह की रस्म भी दिखाई गई है। अगर आप भी भविष्य में दुल्हन बनने जा रही है तो बॉलिवुड की दुल्हन से इन्सपिरेशन ले सकती है। हमारे लेख
भले ही बॉलीवुड पर वेस्टर्न स्टाइल को फॉलो करने वाले का तमगा मिला हुआ हो, लेकिन आज भी भारतीय प्रिंट का काफी खूबसूरत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। अब बांधनी और बंधेज प्रिंट की ही बात कर ले। गुजरात और राजस्थान के
"बनारस अगर जाए साड़ी लेके ही आएथोड़ा सा पगला थोड़ा दीवाना"फ़िल्म "और प्यार हो गया" का ये गीत तो आपने कई बार सुना ही होगाा जिसमें प्रेमी से ये उम्मीद रखी गई है कि वो अपनी प्रेमिका के लिए बनारसी साड़ी ज़रूर लेकर आए। ये गीत बनारसी साड़ी की लोक
तहज़ीब और अदब के शहर लखनऊ की शान चिकनकारी कला के दीवाने तो आप भी होंगे। कहा जाता है कि ये कढ़ाई कला मुगलकाल में काफी प्रचलित हुई । कहा जाता है
लोक कलाओं के मामलें में भारत की संपन्नता का कोई मुकाबला नहीं है। हस्तकला के ज़रिए पारंपरिक वस्त्र बनाए जाने की
सौन्दर्य प्रतियोगिताओं का असर —मित्रो दस साल पहले भारत से कई विश्व सुंदरियां बनी इसके पीछे विदेशी कंपनियों की सोची समझी साजिश थी .– कई प्रसाधन बनाने वाली कम्पनियां भारत में अपन