"बनारस अगर जाए साड़ी लेके ही आए
थोड़ा सा पगला थोड़ा दीवाना"
फ़िल्म "और प्यार हो गया" का ये गीत तो आपने कई बार सुना ही होगाा जिसमें
प्रेमी से ये उम्मीद रखी गई है कि वो अपनी प्रेमिका के लिए बनारसी साड़ी
ज़रूर लेकर आए। ये गीत बनारसी साड़ी की लोकप्रियता साबित करने के लिए काफ़ी
है। बनारसी साड़ी आज ना सिर्फ़ देश बल्कि विश्वभर में मशहूर है।
कहा जाता है कि ये साड़ियां मुगलकाल में प्रचलन में आई। राजा महाराजाओं के
ज़माने की देन होने की वजह से इस पर सोने और चांदी के तारों का वर्क होता
था।
इस साड़ियों पर पक्षी जैसे मोर, तोता और बेल बूटी पत्तियां, और पशुओं जैसे
हाथी, घोड़ा और शेर की डिज़ाईन बनाई जाती है। मुख्य रूप से सिल्क, ऑरगेंजा,
जॉर्जेट और शिफॉन पर ज़री का वर्क किया जाता है। इन साड़ियों पर पक्षी
जैसे मोर, तोता और बेल बूटी और पशुओं जैसे हाथी, घोड़ा, बाघ आदि की डिज़ाईन
बनाई जाती रही है।
कहा जाता है कि ये साड़ियां मुगलकाल में प्रचलन में आई। राजा महाराजाओं के
ज़माने की देन होने की वजह से इस पर सोने और चांदी के तारों का वर्क होता
था। बुनकरों की कई महीनों की मेहनत के बाद ये साड़ियां तैयार हो पाती है।
अपने इस लेख हम चर्चा करेंगे कि बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने कितने तरीकों से
बनारसी साड़ी को पहना है, चाहे वो ट्रेडिशनल लुक हो या वेस्टर्न। आगे पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे .........
बनारसी साड़ी का भारतीय से लेकर वेस्टर्न अंदाज़ : फ़िल्म अभिनेत्रियां