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ह्रदय

28 जनवरी 2015

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दिल की हर तकलीफ को कुछ यूँ छिपाना जनता हूँ दर्द कितना भी हो लेकिन मुस्कुराना जनता हूँ | कौन सी मुश्किल है आखिर, जो कि हमसे जीत जाये बस ये जिद है कि अकेले ही मैं लड़ना चाहता हूँ |

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