15 सितम्बर 2021
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Uljhe hai khud me hi....D
<div>मुट्ठी में बंद कुछ पल जिंदगानी के</div><div>कुछ मुस्कुराने के कुछ आखों में पानी के</div><div>बं
<div>इश्क की फरियाद करते है</div><div>हर पल तुम्हें याद करते है</div><div>जमाना कहता है बेजान है ईश्
<div>हमको तेरी आखों का नशा हो गया</div><div>हमको पता ही नही हमको क्या हो गया</div><div>तेरी सासों के