जैनियो मानो बुरा मत सुन हमारे बेन है!
आप ही से पूछता क्या आप सचमुच जैन है!
कौन थे क्या हो गए आदर्श तुम्ही ने खो दिए
प्यार के गुलशन में तुमने बीज दुःख के बौ दिए
देखकर कौतक तुम्हारे दिल घृणा से भर रहे
अब तुम्हारे आचरण बदनाम जिनमत कर रहे
कोन थे क्या हो गए अब तुम कहो जाने लगे
होटलो की बोतले अंडे तुम्हे भाने लगे
कौन सा है जूठ इसमें बोलिये क्यों मोन है
आप ही से पूछता क्या आप सचमुच जैन है
जय जिनेद्र