*🌹श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम🌷*
*जय श्रीमन्नारायण*
*जय श्री राधे राधे*
समस्त मित्रों को शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं आज बड़ा ही पावन दिवस है भागवत जी के अनुसार आज के ही दिन भगवान श्री राधाबल्लभ सरकार ने रासलीला का आयोजन किया यह लीला आज के ही दिन हुई और कहते हैं इस दिन चंद्र देव ने अमृत की वर्षा की जो तब से लेकर आज तक शरद पूर्णिमा को रात्रि में किरणों के माध्यम से अनवरत अमृत वर्षा होती है आज कई लेख पढ़ें बहुत लोगों ने अमृत के लिए खीर बनाकर चांदनी में रखने की परंपरा को बनाए रखने के लिए निवेदन किया निर्देश दिए वास्तव में स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही उत्तम है" मैं आचार्य हर्षित कृष्ण शुक्ल" आज कहना चाहता हूं की हमें आज के ही दिन अमृत की आवश्यकता पढ़ती है क्या अमृत जीवन के आज से लेकर और अनंत समय तक के लिए आवश्यक है यह जीवन बहुमूल्य है संघर्ष और निरंतर उन्नति के लिए बना है डरपोक और कायरता के विचार मानव को शोभा नहीं देते अथर्व वेद कहता है *उत्क्रामतः पुरुष माव पत्थ:* अर्थात सदा ऊंचे उठने की बात करें नीचे गिरने की बात कभी न सोचें ना गिरे मित्रों जीवन का अंत तक आनंद लेकर आशा और सफलता की भावना के साथ संघर्ष निराशा जय पराजय सदा सर्वदा इन को छोड़कर सदैव विजई होने की भावना रखें इससे सत प्रतिशत सफलता निश्चित है यही अमृत है अथर्व वेद के अनुसार
*उद्यानम् ते पुरुष नावयानम ।* अर्थात सदैव उन्नत कीजिए अवनति भूल कर भी मत होने दीजिए पुष्ट विचारों को शत कार्यों को अपना आइए इस संसार सागर में उद्योगी पुरुष ही पार होते ही पुरुषार्थ विहीन व्यक्तियों की नाव बीच में ही डूब जाती है जीवन के लिए सोचिए जब तक जीवित हैं स्वस्थ और पूर्ण आनंद ही कल्पनाएं मन में रखे संसार में रहकर सांसारिक वस्तुओं का सेवन करते हुए उनसे अलग रहना परे रहना जिस दिन यह संभव हो जाए समझ लीजिए आपको वास्तव में अमृत सिंधु मिल गया क्योंकि कहा गया है पानी में नाव चले तो चले मत नाव में पानी आने दो माया मेमन जाए जाए मन में मत माया आने दो ऋग्वेद कहता है :- *अमृतम विवासत*
अर्थात उत्साही और आशावादी का ही साथ कीजिए उन कायरों से दूर रहिए जो आपको डरपोक बनाते हैं धर्म में पूर्ण आस्था आपके आज के इस जीवन के पुणे दूसरा जीवन भी सुधारने वाले हैं ईश्वर सदा आपके साथ हैं ऋग्वेद कहता है:- *शुचिम् पावकम ध्रुवं*
अर्थात उनकी प्रशंसा कीजिए जो धर्म पर दृढ़ रहें आप भी उन जैसा सहज प्राप्त करें दीर्घ जीवी और स्वस्थ रहें आत्म गौरव प्राप्त करें रासलीला जो भगवान ने की उसका उद्देश्य उपदेश यही है यही अनंत अमृत है रास मंडल में अनगिनत
रमणियों के साथ विराजित होकर भी भगवान लीला पुरुषोत्तम श्री यादवेंद्र सरकार को रति पति कामदेव परास्त नहीं कर सके उन में रहकर भी गोविंद ऐसे रहे जैसे जल के अंदर कमल रहता है आइए आज इसी प्रकार का संकल्प लेते हुए इस पावन अवसर को यादगार बनाएं पूरा एक बार सभी मित्रों को शरद पूर्णिमा की बहुत-बहुत बधाई
*आचार्य*
*हर्षित कृष्ण शुक्ल*
*लखीमपुर खीरी*
*(उत्तर प्रदेश)*
*चलभाष:- 9415216987 /9648769089*