shabd-logo

सनातन धर्म संस्कार व त्योहार

28 अक्टूबर 2019

512 बार देखा गया 512

📿📿📿📿📿📿📿📿📿


*जय श्रीमन्नारायण*

🌹☘🌹☘🌹☘🌹☘🌹

*श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*

🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲


*सनातन संस्कृति एवं त्योहार*


समस्त मित्रों एवं श्रेष्ठ जनों को दीपावली गोवर्धन पूजा यम द्वितीय की हार्दिक शुभकामनाएं यह पावन पंच पर्व जन-जन में ज्ञान अन्न धन से परिपूर्ण करें यही कामना है आज पावन दीप मालिका एवं गोवर्धन पूजन व्रत त्योहार मनाया गया हमारी भारत भूमि सनातन धर्म आदिकाल को अनेकों अनेक धार्मिक परंपराओं की भूमि है यह सभी व्रत त्यौहार उत्सव जो आदिकाल से चले आ रहे हैं यह में समरसता एकता अखंडता का उपदेश देते हैं इसमें सहयोगी होते हैं त्योहार मनाने का मतलब सामूहिक रूप से एकत्र होकर हर्षोल्लास के साथ ईश्वरीय शक्ति का ध्यान करते हुए आनंदित होकर समय बिताना इस समाज में व्यस्तता ओं के चलते बिना किसी बहाने के सभी एक साथ इकट्ठे नहीं हो पाते हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म ने शास्त्र ने ऐसे ऐसे त्यौहार उत्सव तैयार किए जिनमें ईश्वर आराधन के साथ हमारे प्रकृति एवं सामाजिक संरक्षण एवं उसके प्रेम को प्रदर्शित किया लेकिन आज के समय में यह सब केवल एक दिखावा मात्र रह गए हैं आज व्रत त्यौहार एकता अखंडता ईश्वर आराधन प्राकृतिक संरक्षण इनके लिए नहीं अपने धन वैभव एवं इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण अपने आप को अत्यधिक मॉडर्न प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है:- मै आचार्य हर्षित कृष्ण शुक्ल" बड़े दुख के साथ यह कहता हूं कि आज त्योहारों में उल्लास प्रेम दिखाई नहीं पड़ता दिखाई पड़ता है तो केवल सिर्फ और सिर्फ पाश्चात्य शैली से भरा दू संस्कार इसको क्या कहें ऐसा क्यों होता है इसका कारण है हमारे संस्कारों का हनन होना संस्कारों को त्याग देना सनातन धर्म को त्यागना जिसके कारण हम ना तो पूर्ण रूप से विदेशी परंपराओं को अपना पा रहे हैं और ना अपनी परंपराओं को त्याग पा रहे वह परंपराएं कैसी जिम में न तो लज्जा है शर्म है न मर्यादा है क्या हम अंग प्रदर्शन को अपनी प्रतिष्ठा समझते हैं त्योहारों में उत्सव में आजकल जो लोग वस्त्र आभूषण धारण करते हैं उनमें उनकी अधिक से अधिक यह धारणा होती है जितने ही कम वस्त्र पहने जाएं उतने ही अधिक सुंदर और मॉडर्न होंगे लेकिन यह केवल भ्रम मात्र है सुंदरता वस्त्रों से नहीं सुंदर सुंदरता आभूषणों से नहीं सुंदरता अंग प्रदर्शन से नहीं सुंदरता संस्कार मर्यादा और सेवा से होती है सनातन धर्म आदि से लेकर के अब तक सिर्फ और सिर्फ संस्कार ही देता आया है क्षमा चाहूंगा लेकिन दुख तब होता है जब माता-पिता अपने बच्चों को सनातन संस्कार देने के बजाय पाश्चात्य संस्कार प्रदान करते हैं और उसके बाद स्वयं यह उलाहना देते हैं हमारे बेटे हमारी बेटी हमारा कहना नहीं मानती हमारा सम्मान नहीं करते हाथ से निकलते जा रहे हैं संस्कार तो आपने ही दिए हैं मैंने यहां तक देखा है हमारे ब्राह्मण बंधुओं जो अपने आपको ब्राह्मण कहते हैं विद्वान हैं वह स्वयं में यह नहीं जानते उपनयन यज्ञोपवीत संस्कार कब और क्यों किया जाए इसका मतलब क्या होता है हम अपने बच्चों को बचपन में यज्ञोपवीत नहीं कर सकते कारण देते हैं कि वह अबोध है पढ़ाना उसको नेशनल स्कूल में चाहते हैं गुरुकुल में भेजना नहीं चाहते फिर वह संस्कार जाने का कैसे नेशनल स्कूल में इंग्लिश माध्यम के स्कूल है उनमें माता पिता का सम्मान नहीं सिखाया जाता वहां सनातन धर्म नहीं बताया जाता फिर यह क्यों सोचते हो कि हमारी बालक हमारे बच्चे हमारे धर्म को नहीं समझ सकते जब वह छोटी आयु में ईसाई पद्धति में पढ़ सकते हैं सीख सकते हैं जिसका हमसे सदियों तक कोई नाता नहीं रहा कभी कोई नाता नहीं रहा आदि से लेकर के आज तक हम नहीं पद्धति सिखा सकते हैं फिर अपने संस्कारों के समय अपने ही बच्चे को अबोध मान लेते हैं क्यों अधिक न कहते हुए निवेदन करना चाहूंगा समस्त बंधु जनों से सनातन प्रेमियों से इस टीवी धारावाहिक फिल्म से बाहर निकल कर अपनी वास्तविक परंपरा अपने संस्कार उनको अपना करके अपने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें सुखी जीवन जिए आनंदित रहें निवेदन है

*पहनकर हार फूलों का तिलक चंदन नहीं करना* *हमें पश्चिम हवाओं का अभिनंदन नहीं करना*

*हमारी सभ्यता और संस्कृति महफूज रहने दो*

*यह भारतवर्ष है प्यारे इसे लंदन नहीं करना*

*जय जय श्री राम जय श्रीमन्नारायण जय जय श्री राधे*

*आचार्य*

*हर्षित कृष्ण शुक्ल*

*प्रवक्ता*

*श्रीमद् भागवत कथा एवं संगीतमय श्री राम कथा लखीमपुर खीरी*

*(उत्तर प्रदेश)*

*संपर्क सूत्र :- 9415 21 6987*

हर्षित कृष्ण शुक्ल की अन्य किताबें

1

व्यक्ति की अधिक पाने की लालसा

12 अक्टूबर 2019
0
1
1

*🌹श्री राधे कृपा ही सर्वस्वम🌷* *जय श्रीमन्नारायण* आज समाज की दयनीय स्थिति जीवन में अधिक पाने की लालसा का खत्म ना होना जीवन को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है की अंततोगत्वा कोई भी साथ में चलना पसंद नहीं करता दोष दूसरों को देते हैं और अपनी तरफ कभी ध्यान नहीं देते एक दृष्टांत याद आ रहा है एक राजा था

2

जीवन का आनन्द अमृत

13 अक्टूबर 2019
0
0
0

*🌹श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम🌷* *जय श्रीमन्नारायण* *जय श्री राधे राधे* समस्त मित्रों को शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं आज बड़ा ही पावन दिवस है भागवत जी के अनुसार आज के ही दिन भगवान श्री राधाबल्लभ सरकार ने रासलीला का आयोजन किया यह लीला आज के ही दिन हुई और कहते हैं इस दिन चंद्र देव ने

3

गुप्त मन का भय आत्मविश्वास की कमी

15 अक्टूबर 2019
0
1
0

🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼 *जय श्रीमन्नारायण* सभी मित्रों को की श्री सीताराम -------------- आज जीवन में ना जाने कितने उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और अक्सर देखा जाता है की एकता अत्यधिक चिंता ग्रस्त होकर अपने जीवन को समाप्त करने तक की योजना

4

भ्रूण हत्या व देहज दानव

16 अक्टूबर 2019
0
0
0

🌳🦚🦜☘🍀🌴🌲🎍🌲 *जय श्रीमन्नारायण**🌹श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम🌷* *भ्रूण हत्या समाज का कलंक*🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 आइए आज विचार करें जो यह एक कलंक रूपी अभिशाप लगा हुआ है इसका कारण क्या है ऐसी मानसिकता क्यों बन गई जरा विचार करिए चैनलों पर मीडिया के सामने समाज में हर कोई इसका विरोध करता हुआ दिखाई

5

करवा चौथ के पावन पर्व की शुभकामनाएं

17 अक्टूबर 2019
0
0
0

🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷 *जय श्रीमन्नारायण*🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌷 🌛🌛🌛🌛🌛🌛🌛🌛 *आद्या शक्ति पराम्बा माँ भगवती की अंशस्वरूपा मातृ शक्तियों को करवा चौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाएँ*🌳☘🦜🌳🌲☘🏵💐 सभी मात्र शक्तियों को आज पावन करवा चौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाओं सहित मंगल कामना हम

6

जीवन का आनन्द

20 अक्टूबर 2019
0
0
0

*💐 श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम 🌹*☘🌳☘🌳☘🌳☘🌳 *जय श्रीमन्नारायण**जय श्री सीताराम*🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *जीवन के विविध रंग*🌲🌷🦜🌳🌷☘🦚☘💐🌹 जीवन और मृत्यु यह दोनों परस्पर मानव जीवन की अभिन्न अंग है दोनों का संबंध परस्पर जुड़ा हुआ है जीवन का उपभोग वैसे तो मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी कीड़े मकोड़े

7

क्रोध को त्यागें क्षमा शील बने

22 अक्टूबर 2019
0
0
0

🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *श्री राधे कृपा ही सर्वस्वम*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *जय श्रीमन्नारायण जय जय श्री सीताराम* 🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵 *सुखी जीवन के लिए क्षमा करना सीखें* सामाजिक जीवन में राग के कारण लोग एवं काम की तथा द्वेष के कारण क्रोध एवं पैर की वृत्तियों का संचार होता है क्रोध के लिए संघर्ष कल

8

सन्त का स्वभाव

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

🌹🏵🌹🏵🌹🏵🌹🏵 *जय श्रीमन्नारायण**श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*💐🌷💐🌷💐🌷💐🌷 *सन्त का स्वभाव एवं गुण*🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲 मनुष्य इस जीवन में सदैव अनुकूलता को चाहता है पर प्रतिकूलता नहीं चाहता यह उसकी कायरता है अनुकूलता को चाहना ही खास बंधन है इसके सिवाय और कोई बंधन नहीं इस चाहना को मिटाने के

9

सनातन धर्म संस्कार व त्योहार

28 अक्टूबर 2019
0
1
0

📿📿📿📿📿📿📿📿📿 *जय श्रीमन्नारायण*🌹☘🌹☘🌹☘🌹☘🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲 *सनातन संस्कृति एवं त्योहार* समस्त मित्रों एवं श्रेष्ठ जनों को दीपावली गोवर्धन पूजा यम द्वितीय की हार्दिक शुभकामनाएं यह पावन पंच पर्व जन-जन में ज्ञान अन्न धन से परिपूर्ण करें यही कामना है आज पा

10

मानव जीवन की सार्थकता

2 नवम्बर 2019
0
1
1

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲 *जय श्रीमन्नारायण*🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚 *जीवन रहस्य*🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 यह जीवन परमपिता परमेश्वर ने कृपा करके हमें प्रदान किया जिसे पाने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं जितने भी सजीव शरीर हैं उनमें मानव शरीर की महत्ता सबसे अधिक

11

श्री पुरुषोत्तम मास महात्म्य

10 सितम्बर 2020
0
0
0

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हरे कृष्ण, 2💫पुरुषोत्तम मास में राधा कृष्ण की पूजा की जाती है जिनके पास युगल किशोर के श्री विग्रह है तो वे उनकी सेवा पूजा करें ।जिनके पास नहीं है वे फिर फोटो फ्रेम के समक्ष करें ।💫अन्य महीनों में भले ही मंगला आरती न करते हो परंतु पुरुषोत्तम मास में मंगला आरती का नियम अवश्य ले

12

पुरुषोत्तम मास का महात्म्य

10 सितम्बर 2020
0
0
1

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हरे कृष्ण, *पुरुषोत्तम मास के कुछ सामान्य नियम* ----- सामान्य इसलिए कहा गया क्योंकि काफी कठिन कठिन नियम भी हैं ।इसलिए जो इस कलियुग में सर्वसाधारण कर सके उन्हीं नियमों को यहां बताया जा रहा है ।1 -- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान (नदी ,कुआं ,जलाशय ,तालाब आदि ) परंतु अब तो बाथरूम में ह

13

भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या

18 अक्टूबर 2020
0
0
0

जय श्रीमन्नारायणध्यान दें मथुरा में तो कारागार है परंतु भगवान श्रीराम जी की पावन नगरी में कारागार नही है जबकी वह सम्राट थे चक्रवर्ती राजा थे*कारण स्पष्ट है*👇👇*बाढ़े खल बहु चोर जुआरा।जे लंपट परधन परदारा*।।मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा।।जब धर्म की हानि हो,शुभ कर्म रोक जिए जाएं

14

महा विद्या साधना

11 नवम्बर 2020
0
0
0

{{{ॐ}}} #मातंगी_मंत्र_साधनावर्तमान युग में, मानव जीवन के प्रारंभिक पड़ाव से अंतिम पड़ाव तक भौतिक आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए प्रयत्नशील रहता है । व्यक्ति जब तक भौतिक जीवन का पूर्णता से निर्वाह नहीं कर लेता है, तब तक उसके मन में आसक्ति का भाव रहता ही है

15

भगवत स्तोत्र

26 नवम्बर 2020
0
0
0

*श्रीमते रामानुजाय नमः**जय श्रीमन्नारायण*आपका दिन मङ्गलमय हो.." उत्तिष्ठोत्तिष्ठ शंखघ्न उत्तिष्ठ अंबोधिचारक: । कूर्मरूपधरोत्तिष्ठ त्रैलोक्ये मंङ्गलं कुरु ।। "" उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद उत्तिष्ठ गरुड़ध्वज:। उत्तिष्ठ कमलाकांत त्रैलोक्ये मंङ्गलं कुरु ।। "" उत्तिष्ठोत्तिष्ठ बाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुन्ध

16

नरक वर्णन

20 मई 2021
0
0
0

*जय श्रीमन्नारायण*🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲*श्रीमद्देवीभागवत के अनुसार तामिस्र आदि नरकों का वर्णन*परम भागवत श्री नारद जी के पूछने पर भगवान श्रीमन्नारायण ने जो वर्णन किया बताया बोले हे नारद नर्कको की संख्या 21 बताई गई है कुछ *लोग कहते हैं कि यह 28 हैं क्रमशः तामिश्र, अंधतामिश्र, रौरव, महारौरव, कुंभीपाक*, *क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए