🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हरे कृष्ण, 2
💫पुरुषोत्तम मास में राधा कृष्ण की पूजा की जाती है जिनके पास युगल किशोर के श्री विग्रह है तो वे उनकी सेवा पूजा करें ।
जिनके पास नहीं है वे फिर फोटो फ्रेम के समक्ष करें ।
💫अन्य महीनों में भले ही मंगला आरती न करते हो परंतु पुरुषोत्तम मास में मंगला आरती का नियम अवश्य लें ।
💫शालिग्राम शिला का भी पूजन कर सकते हैं जिनके घर में बाल गोपाल, गौर निताई ,जगन्नाथ जी ,श्री राम दरबार है वे उनका पूजन करें ।
💫परंतु षोडशोपचार पूजन करने की का नियम लें।
💫षोडशोपचार पूजन के पश्चात श्रृंगार आरती करें।
💫संध्या आरती अवश्य करें।
💫श्री विग्रह को दोनो समय भोग अर्पित अवश्य करें ।
💫इस मास में श्रीहरि को बिना भोग लगाएं भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए जो लोग पूरे 3 वर्ष तक भी भगवान को अपनी रसोई में पकाया भोजन का भोग नहीं अर्पित किए हैं वे भी पुरुषोत्तम मास में अपनी रसोई से अपने हाथ से बनाए भोजन का भोग अवश्य लगाएं ।
💫इस मास में स्वयं खाने के लिए बनाया गया भोजन आमिष ( मांसाहार) में गिना जाता है ।
इसलिए हर कोई भगवान को अवश्य भोग लगाएं ।
(अभी से अपने किचन की पूरी साफ सफाई कर ले प्याज , लहसुन, मांसाहार का परित्याग अभी से कर दे। सारी नवीन चीजें मिर्च ,मसाले ,आटा ,दाल आदि आदि नए खरीद लें।)
💫 *पुरुषोत्तम मास में भक्त पुरुषोत्तम भगवान की तुष्टि व प्रसन्नता के लिए दीपदान करें।*
दीपदान करने का बड़ा ही महत्व है अर्थात श्री विग्रह के समीप दीप प्रज्वलित करना चाहिए ।
दीप देसी घी या तिल के तेल का प्रज्वलित कर सकते है ।
इसलिए दीप ,घी तेल आदि की व्यवस्था कर लें।
*कहा जाता है अष्टांग योग, ब्रह्म ज्ञान तथा सांख्य ज्ञान एवं समस्त तांत्रिक क्रियाएं पुरुषोत्तम मास में दीपदान की 16वीं कला के समान भी नहीं है ।*
इस वाक्य से सभी लोग समझ सकते हैं कि पुरुषोत्तम मास में दीपदान के क्या फायदे हैं ।
*पुरुषोत्तम मास श्री कृष्ण के द्वारा सर्वोपरि घोषित किया गया है।*
*यहां तक कि कार्तिक ,माघ तथा वैशाख आदि मास की अपेक्षा भी यह श्रेष्ठ है ।*
*इस मास में विशेष - नियमो के साथ श्रीश्रीराधा कृष्ण का अर्चन करने से सब कुछ प्राप्त हो जाता है।*
जय श्रीमन्नारायण 🌸🙏🏿💥