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मानव जीवन की सार्थकता

2 नवम्बर 2019

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*श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*

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*जय श्रीमन्नारायण*


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*जीवन रहस्य*


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यह जीवन परमपिता परमेश्वर ने कृपा करके हमें प्रदान किया जिसे पाने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं जितने भी सजीव शरीर हैं उनमें मानव शरीर की महत्ता सबसे अधिक है ऐतरेय उपनिषद का एक छोटा सा कथन है सृष्टि के आरंभ में परमात्मा ने अग्नि वायु आदित्य आदि देवों की रचना की दे देव जब जगत में अब तीर्ण हुए तब कहने लगे कि हमें रहने के लिए घर दीजिए जहां रहकर हम अपने-अपने भोगों को भोग सकें परमात्मा उनके आगे गाय का शरीर लाया उन्होंने कहा यह हमें पसंद नहीं है परमात्मा घोड़े का शरीर लाया उसे भी मना कर दिया फिर परमात्मा उनके आगे पुरुष का शरीर लाया उसे देखते ही चल पड़े और बोले यह बहुत अच्छा बना है यह हमें पसंद है तुरंत सब देवता उसमें प्रविष्ट हो गए और अपना अपना स्थान चुन लिया इस कथानक द्वारा उपनिषद कार्य ने बहुत सुंदर रूप में मानव शरीर की श्रेष्ठता प्रतिपादित की है सचमुच मानव शरीर की रचना क्रिया शक्ति बड़ी अद्भुत है इसलिए अथर्ववेद का कवि इसके एक-एक अंग पर मुक्त होता है और कहता है किन सुक्तम में हो इस विलक्षण कारीगर ने इस मानव शरीर में एड़ियां बनाई है किसने मांस भरा है किसने ट्रक ने बनाए हैं आदि-आदि इतना दिव्य शरीर पाकर भी लोग न जाने किन-किन कुकर्म ओं में लगे रहते हैं ईश्वर ने इतना सुनहरा अवसर प्रदान किया जिससे हम अपने जीवन में ऐसे कर्म करें ऐसा व्यवहार करें जब तक जीवित रहे तब तक सबके अपने बने रहे और मृत्यु के बाद इस लोक में लोग प्रेम से याद करें नाम ले और उस लोक में मोक्ष को प्राप्त करें परंतु दुर्भाग्य है कि आज सब कुछ इसके विपरीत हो रहा है मैं:- "आचार्य हर्षित कृष्ण शुक्ल" जहां तक मेरा अनुभव है आजकल हर कंधारी सुख तो चाहता है प्रेम चाहता है नाम चाहता है यस चाहता है लेकिन स्वयं सभी से ईर्ष्या क्रोध अभिमान आदि के वशीभूत होकर अपने इस जीवन को इस जीवन की उपलब्धियों को नष्ट करता हुआ नर्क गामी होता रहता है आज के समाज में जो बिरेले व्यक्ति कर्मों का पालन करते हुए मिल भी जाए तो लोग उनका मजाक उड़ाते हैं उनका मखौल बनाते हैं समझते हैं कि हमारी बराबरी में नहीं बैठने वाला इसको साथ में रखने से हमारी बेज्जती होगी परंतु उनको यह आभास नहीं है की ऐसी व्यक्तियों की साथ में रहने से हीनता नहीं अपमान नहीं वरन उज्जवल भविष्य यस और कीर्ति मिलती है संस्कार प्राप्त होते हैं लेकिन दुर्भाग्य है आज यदि किसी के कार्य में किसी का साथ दो उसको लाभ हो आप उसके दुख में शामिल होकर के उसके साथी बनके उसके कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करते हुए उसको आगे बढ़ने दें वही व्यक्ति बाद में आपको ऐसे भूल जाता है जैसे दूध में पड़ी हुई मक्खी निकाल कर फेंक दी जाती है कोई नहीं मानता कि हमारे दुख में हमारा किसने साथिया वह अभिमान वसु कर अपने कर्म अपनी योग्यता और अपने धन को ही सर्वोपरि मानते हुए अपने आप को ही उच्च मानता है इस तरीके की सोच से समाज में एकता नहीं आ सकती जीवन का रस प्राप्त नहीं हो सकता जीवन का उद्देश्य सफल नहीं हो सकता यह शरीर जो देव दुर्लभ है उसको पाने का मकसद क्या बचा ईश्वर भी सोचता होगा कि हमने तो इसको मनुष्य बना कर भेजा था इसमें मनुष्यता के विपरीत लक्षण कहां से आ गए जानवर भी एहसान नहीं भूलता केवल और केवल मानो ऐसा है जो अपने ऊपर किए गए एहसानों के बदले में केवल दुखी देता है मानव शरीर की श्रेष्ठता को खत्म न करते हुए आइए हम सबके बने सबको अपना बनाएं प्रेम आनंद सहयोग के साथ आगे बढ़े

*जय जय श्रीमन्नारायण जय जय श्री राधे जय जय श्री सीताराम*

*आचार्य*

*हर्षित कृष्ण शुक्ल*

*प्रवक्ता*

*श्रीमद् भागवत कथा/ संगीतमय श्री राम कथा*

*लखीमपुर खीरी*

*(उत्तर प्रदेश)*

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हर्षित कृष्ण शुक्ल की अन्य किताबें

आचार्य अर्जुन तिवारी

आचार्य अर्जुन तिवारी

जीवन के रहस्यों को दर्शाता हुआ दिव्य लेख सदैव भगवत्कृपा बी रहे ! माता सरस्वती आपकी लेखनी में वास करें

3 नवम्बर 2019

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व्यक्ति की अधिक पाने की लालसा

12 अक्टूबर 2019
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*🌹श्री राधे कृपा ही सर्वस्वम🌷* *जय श्रीमन्नारायण* आज समाज की दयनीय स्थिति जीवन में अधिक पाने की लालसा का खत्म ना होना जीवन को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है की अंततोगत्वा कोई भी साथ में चलना पसंद नहीं करता दोष दूसरों को देते हैं और अपनी तरफ कभी ध्यान नहीं देते एक दृष्टांत याद आ रहा है एक राजा था

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जीवन का आनन्द अमृत

13 अक्टूबर 2019
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*🌹श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम🌷* *जय श्रीमन्नारायण* *जय श्री राधे राधे* समस्त मित्रों को शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं आज बड़ा ही पावन दिवस है भागवत जी के अनुसार आज के ही दिन भगवान श्री राधाबल्लभ सरकार ने रासलीला का आयोजन किया यह लीला आज के ही दिन हुई और कहते हैं इस दिन चंद्र देव ने

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गुप्त मन का भय आत्मविश्वास की कमी

15 अक्टूबर 2019
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🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹🏵💐🌼🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼 *जय श्रीमन्नारायण* सभी मित्रों को की श्री सीताराम -------------- आज जीवन में ना जाने कितने उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और अक्सर देखा जाता है की एकता अत्यधिक चिंता ग्रस्त होकर अपने जीवन को समाप्त करने तक की योजना

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भ्रूण हत्या व देहज दानव

16 अक्टूबर 2019
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🌳🦚🦜☘🍀🌴🌲🎍🌲 *जय श्रीमन्नारायण**🌹श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम🌷* *भ्रूण हत्या समाज का कलंक*🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 आइए आज विचार करें जो यह एक कलंक रूपी अभिशाप लगा हुआ है इसका कारण क्या है ऐसी मानसिकता क्यों बन गई जरा विचार करिए चैनलों पर मीडिया के सामने समाज में हर कोई इसका विरोध करता हुआ दिखाई

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करवा चौथ के पावन पर्व की शुभकामनाएं

17 अक्टूबर 2019
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🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷 *जय श्रीमन्नारायण*🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌷 🌛🌛🌛🌛🌛🌛🌛🌛 *आद्या शक्ति पराम्बा माँ भगवती की अंशस्वरूपा मातृ शक्तियों को करवा चौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाएँ*🌳☘🦜🌳🌲☘🏵💐 सभी मात्र शक्तियों को आज पावन करवा चौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाओं सहित मंगल कामना हम

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जीवन का आनन्द

20 अक्टूबर 2019
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*💐 श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम 🌹*☘🌳☘🌳☘🌳☘🌳 *जय श्रीमन्नारायण**जय श्री सीताराम*🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *जीवन के विविध रंग*🌲🌷🦜🌳🌷☘🦚☘💐🌹 जीवन और मृत्यु यह दोनों परस्पर मानव जीवन की अभिन्न अंग है दोनों का संबंध परस्पर जुड़ा हुआ है जीवन का उपभोग वैसे तो मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षी कीड़े मकोड़े

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क्रोध को त्यागें क्षमा शील बने

22 अक्टूबर 2019
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🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 *श्री राधे कृपा ही सर्वस्वम*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *जय श्रीमन्नारायण जय जय श्री सीताराम* 🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵 *सुखी जीवन के लिए क्षमा करना सीखें* सामाजिक जीवन में राग के कारण लोग एवं काम की तथा द्वेष के कारण क्रोध एवं पैर की वृत्तियों का संचार होता है क्रोध के लिए संघर्ष कल

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सन्त का स्वभाव

24 अक्टूबर 2019
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🌹🏵🌹🏵🌹🏵🌹🏵 *जय श्रीमन्नारायण**श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम*💐🌷💐🌷💐🌷💐🌷 *सन्त का स्वभाव एवं गुण*🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲 मनुष्य इस जीवन में सदैव अनुकूलता को चाहता है पर प्रतिकूलता नहीं चाहता यह उसकी कायरता है अनुकूलता को चाहना ही खास बंधन है इसके सिवाय और कोई बंधन नहीं इस चाहना को मिटाने के

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सनातन धर्म संस्कार व त्योहार

28 अक्टूबर 2019
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📿📿📿📿📿📿📿📿📿 *जय श्रीमन्नारायण*🌹☘🌹☘🌹☘🌹☘🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲 *सनातन संस्कृति एवं त्योहार* समस्त मित्रों एवं श्रेष्ठ जनों को दीपावली गोवर्धन पूजा यम द्वितीय की हार्दिक शुभकामनाएं यह पावन पंच पर्व जन-जन में ज्ञान अन्न धन से परिपूर्ण करें यही कामना है आज पा

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मानव जीवन की सार्थकता

2 नवम्बर 2019
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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲 *जय श्रीमन्नारायण*🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚 *जीवन रहस्य*🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 यह जीवन परमपिता परमेश्वर ने कृपा करके हमें प्रदान किया जिसे पाने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं जितने भी सजीव शरीर हैं उनमें मानव शरीर की महत्ता सबसे अधिक

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श्री पुरुषोत्तम मास महात्म्य

10 सितम्बर 2020
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🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हरे कृष्ण, 2💫पुरुषोत्तम मास में राधा कृष्ण की पूजा की जाती है जिनके पास युगल किशोर के श्री विग्रह है तो वे उनकी सेवा पूजा करें ।जिनके पास नहीं है वे फिर फोटो फ्रेम के समक्ष करें ।💫अन्य महीनों में भले ही मंगला आरती न करते हो परंतु पुरुषोत्तम मास में मंगला आरती का नियम अवश्य ले

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पुरुषोत्तम मास का महात्म्य

10 सितम्बर 2020
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🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हरे कृष्ण, *पुरुषोत्तम मास के कुछ सामान्य नियम* ----- सामान्य इसलिए कहा गया क्योंकि काफी कठिन कठिन नियम भी हैं ।इसलिए जो इस कलियुग में सर्वसाधारण कर सके उन्हीं नियमों को यहां बताया जा रहा है ।1 -- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान (नदी ,कुआं ,जलाशय ,तालाब आदि ) परंतु अब तो बाथरूम में ह

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भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या

18 अक्टूबर 2020
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जय श्रीमन्नारायणध्यान दें मथुरा में तो कारागार है परंतु भगवान श्रीराम जी की पावन नगरी में कारागार नही है जबकी वह सम्राट थे चक्रवर्ती राजा थे*कारण स्पष्ट है*👇👇*बाढ़े खल बहु चोर जुआरा।जे लंपट परधन परदारा*।।मानहिं मातु पिता नहिं देवा। साधुन्ह सन करवावहिं सेवा।।जब धर्म की हानि हो,शुभ कर्म रोक जिए जाएं

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महा विद्या साधना

11 नवम्बर 2020
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{{{ॐ}}} #मातंगी_मंत्र_साधनावर्तमान युग में, मानव जीवन के प्रारंभिक पड़ाव से अंतिम पड़ाव तक भौतिक आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए प्रयत्नशील रहता है । व्यक्ति जब तक भौतिक जीवन का पूर्णता से निर्वाह नहीं कर लेता है, तब तक उसके मन में आसक्ति का भाव रहता ही है

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भगवत स्तोत्र

26 नवम्बर 2020
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*श्रीमते रामानुजाय नमः**जय श्रीमन्नारायण*आपका दिन मङ्गलमय हो.." उत्तिष्ठोत्तिष्ठ शंखघ्न उत्तिष्ठ अंबोधिचारक: । कूर्मरूपधरोत्तिष्ठ त्रैलोक्ये मंङ्गलं कुरु ।। "" उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद उत्तिष्ठ गरुड़ध्वज:। उत्तिष्ठ कमलाकांत त्रैलोक्ये मंङ्गलं कुरु ।। "" उत्तिष्ठोत्तिष्ठ बाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुन्ध

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नरक वर्णन

20 मई 2021
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*जय श्रीमन्नारायण*🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲*श्रीमद्देवीभागवत के अनुसार तामिस्र आदि नरकों का वर्णन*परम भागवत श्री नारद जी के पूछने पर भगवान श्रीमन्नारायण ने जो वर्णन किया बताया बोले हे नारद नर्कको की संख्या 21 बताई गई है कुछ *लोग कहते हैं कि यह 28 हैं क्रमशः तामिश्र, अंधतामिश्र, रौरव, महारौरव, कुंभीपाक*, *क

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