दोस्तों की शायरी
1. कुछ बात ऐसी है।
बताते ही नहीं बनती
मेरी दोस्ती ही कुछ ऐसी है।
छुपाते ही नहीं बनती
जब भी वह आवाज देती है।
मुझे अपने समीप ही पाती है।
मेरी दोस्ती का इम्तिहान तुम कभी ना लेना
कभी भी जो हमें पुकारोगे
हम दौड़े दौड़े आएंगे।
जो भी दुख दर्द होगा। तुम्हारा
आकर उसे हम ले जायेंगे।
जब भी वह आवाज देती है।
मुझे अपने समीप ही पाती है।
मेरी दोस्ती का इम्तिहान तुम कभी ना लेना
कभी भी जो हमें पुकारोगे
हम दौड़े दौड़े आएंगे।
जो भी दुख दर्द होगा। तुम्हारा
आकर उसे हम ले जायेंगे।
मेरे हिस्से में तुम गम ही देना
खुशी अपने हिस्से में रख लेना
बस इतनी सी इल्तजा है। मेरी
जब भी मैं आऊं तो
मुझे याद कर लेना
2. फूलों की तरह कांटे बनकर
तुम्हारे हिफाजत हम करेंप्यार है। हमें तुमसे
पर हम क्या करें
लोग तुम्हें प्रपोज करते हैं।
और उनकी खुशियों के लिए
हम आपसे मुंह मोड़ लेते हैं।
3. लोग कसमें खाकर तोड़ देते हैं।
जिन्हें अपना समझोवही नाता तोड़ देते हैं।
बड़ी बेदर्द है। ये दुनिया वाले
गम जब समंदर बन आया
तो दोस्तों ने दोस्ती छोड़ दी
कोई गमों को बांटता नहीं
कोई गमों में डूब जाता नहीं
यहां सब मतलब के यार हैं।
गमों में कोई साथ निभाता नहीं
4. लाख तूफानों से किस्ती को
बचा के लाया।तू ना हो सका मेरा
खुद को तन्हा ही पाया।
क्या बात है। बड़ी खामोश रहती हो।
इतनी हसीं होकर भी
उदास बैठी हो।
क्या मुझसे नाराज हो तुम
जो आज मुझसे दूर बैठी हो।
दिल क्या ये जान तेरी है।
खुशी तू कल भी मेरी थी।
तू आज भी मेरी है।
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Writer by ajay kumar