हर 12 महिनो के बाद एक बदलाव आता हे
तारिखे बदलति हे ,कलेंडर बदलते हे,
सदी मे एक ओर साल जुड़ जता हे।
एक दिन के लिये लोगो की दिनचर्या बदलती हे
नये जोश के साथ नये काम होते हे
दुशमन भी एक दिन के लिये दोस्त बनते हे
निकम्मे भी एक दिन के लिये काम करते हे
जड़ बुधि भी पढाई करते हे
कंजूश भी आज के दिन दान करतें हे
नास्तिक भी मन्दिर जाते हे
हर आलसी आज जरुर नहाता हे
चोर तो रास्ट्रीय अवकास मनाते हे
पर हर बदलाव अस्थाई हे
साफ,पाक,अनुशासन,निस्ठा,प्रेम सब एक दिन का हे
कल से 12 महीनो तक फिर से वही तबाही हे
काश कोई नया साल ऐसा भी आये
जिसमे ये एक दिन के बदलाव स्थाई हो जाए
सरकार अनुशंसित हो जाएं
झूठे नेता बेनक़ाब हो जाए
रिश्वतखोरी खत्म हो जाये
एक नया साल ऐसा भी आये
जिसमे सब बलात्कारियों का अन्त हो जाये
नारी को अपने फेसले लेने का हक मिल जाये
ना कोई छोटा हो ना कोई बड़ा हो
लुट-मार,दंगे मिट जाएगे बस भेद भाव मिट जाये
धोकेबाज कब तक टिक पाएंगे अगर भाईचारा बढ जाये
एक नया साल ऐसा भी आये
जिसमे सारे वृधाश्रम खाली रहे जाये
बदलती तारिक़ के साथ बदलाव तो आ रहे हे
पर पता नही क्यों हम कुकरमो की तरफ जा रहे हे
एक नया साल ऐसा भी आये
जिसमे सत कर्म स्थाई हो जाये
एक नया साल ऐसा भी आये
जिसमे लिये पर्ण पूरी साल याद आये
एक नया साल ऐसा भी आये
जँहा खुद से पहले देश आ जाए
भ्रस्टाचार का जँहा नाम ना लिया जाए
एक नया साल कुछ ऐसा भी आए
एक नया साल कुछ ऐसा भी आए ।।
।।मनिषा राठोड़।।
"Let's hope for the best "
And
Happy new year everyone