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ओरत

ओरत

All about the woman's struggle, lifestyle,sacrifices and care

ईबुक:

₹ 11/-

ओरत

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All about the woman's struggle, lifestyle,sacrifices and care

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₹ 11/-

अक्स

अक्स

ये किताब हम सब के देनिक जिवन, समाज,साथ और प्रेम से जुड़ी कविताओ का संग्रह हे

निःशुल्क

अक्स

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common.kelekh

"कभी तो खुद से इश्क कर ले"

8 मार्च 2022
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कभी तो खुद से इश्क कर ले थोड़ा खुद को भी आजाद कर ले ओरो के लिये तो हर पल हे कभी खुद के लिये भी श्रृंगार कर ले तुने तो अपनी हर कोर दे दी कभी खुद के जज्बातो का भी हिसाब कर ले ओरत हे तो क्यो झुक गई कभी

घूंघट

3 फरवरी 2022
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घूंघट जो मजबूरी था कभी क्यो आज परम्परा बन गया घूंघट जो हथियार था कभी क्यो आज प्रथा बन गया जो सूरज की तपन मे सर को ढका था क्यो छांव मे भी सर का बोझ बन गया शर्म जब आंखो की हे तो क्यो घूंघट लाज का

हाँ मे डरती हू।

20 जनवरी 2022
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हाँ डरती हू अन्धेरे से अकेले बहार निकलने से रात को लेट हो जाने से हा डरती हू ओरत होने से ऐसा नहि हे कमजोर हू मे बस समाज के हर पहेलू से वाकिफ हू मे जानती हू गीदड़ अन्धेरे मे निकलते हे ओरत हू मे इस लि

एक नया साल एसा भी आए

1 जनवरी 2022
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<div align="left"><p dir="ltr">हर 12 महिनो के बाद एक बदलाव आता हे<br> तारिखे बदलति हे ,कलेंडर बदलते हे,<br> सदी मे एक ओर साल जुड़ जता हे।</p> <p dir="ltr">एक दिन के लिये लोगो की दिनचर्या बदलती हे

क्योकी बेटी हू मे !

26 दिसम्बर 2021
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<div align="center"><p dir="ltr"><b>दुध मे घोलकर </b><br> <b>संस्कार पिला दिये</b></p> <p dir="ltr">

बदलाव

22 दिसम्बर 2021
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<div> <b> "बदलाव"</b></div

बस एक दिन के लिये तुम भी औरत बनके तो देखो।

18 दिसम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><i><b>This poetry is based on the pain of a women's day to day

ओरत

17 दिसम्बर 2021
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8

<div align="left"><p dir="ltr"> "<b>ओरत</b>"</p> <p d

कहानी

13 दिसम्बर 2021
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<div>वो चला गया पर </div><div>अपनी एक निसानी दे गया </div><div>केसे भुलाऊ उसे<span style="

अक्स

11 दिसम्बर 2021
2
1

<div align="left"><p dir="ltr">हद से ज्यादा भरोसा करते हो दूसरो पर <br> किसी दिन टुट जाएगा भरोसा फ़िर

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