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उसने गायत्री के हैरान चेहरे को देखकर ज़वाब दिया और नहीं तो क्या, “मेरे माँ-बाप के बाद, सब मेरा ही होने वाला है৷”
मेर पापा ऐसे नहीं है ৷ उन्होंने तुम्हारी पढ़ाई और तुम्हारा बिज़नेस भी
देखा था ৷
अब विकास हँसा, “मैंने कॉलेज भी पूरा नहीं किया क्योंकि
मुझसे पढ़ाई नहीं हो रही थीं৷ मैंने जिम ट्रेनर बनकर पैसे कमाए और दुकान किराए पर ले ली৷ मोबाइल का काम शुरू में तो अच्छा था, मगर अब हालात ज़्यादा अच्छे नहीं है इसलिए साथ में जिम ट्रेनर का काम भी करता हूँ৷ ये सब बातें तुम्हारे पापा को पता है৷मैंने तुम्हारे पापा को
कहा भी कि मैं गायत्री को सब बता देता हूँ,
मगर उन्होंने मुझे तुम्हें बताने से मना कर दिया और कहा कि मैं उसे खुद ही बता
दूंगा৷
पापा ने ऐसा कहा?? अब उसकी हैरानी की कोई सीमा नहीं है ৷
“यकीन नहीं आता तो उनसे पूछ लो, उनसे बात करने के बाद ही कोई फैसला लेना৷” विकास तो यह कहकर वापिस चौंकी में शामिल हो गया पर गायत्री वही खड़े माता की
तस्वीर को बड़ी कातर नज़र से देखने लगी৷
उसने किसी तरह चौंकी के दो-तीन घंटे और निकाले फिर डिनर करने के बाद, सबसे
विदा लेकर वे लोग वहाँ से निकल गए৷ गाड़ी संदीप चला रहा है, वह सारे रास्ते ख़ामोशी से बैठी रही ৷ उसके पापा महेंद्र उसे इतना चुप देखकर परेशान
हो रहें हैं ৷ घर पहुँचते ही संदीप तो अपने कमर में सोने चल गया, मगर गायत्री महेंद्र के कमरे में जाकर उनसे
पूछने लगी,
आपने मुझसे सच क्यों छुपाया?
कौन सा सच ?
यही कि विकास ने कॉलेज भी पूरा नहीं किया और तो और उसकी दुकान भी अपनी नहीं है
৷
तो क्या हुआ घर तो अपना है৷ बाद में तुम दोनों मिलकर अपनी दुकान भी खरीद
लेना ৷
मैं कोई बैंक नहीं हूँ और न ही मेरे
पास नोट छापने की कोई मशीन है ৷ उसने चिल्लाते हुए कहा ৷
अब महेंद्र ने उसे आराम से बोलने का कहकर अपने पास बिठाया৷ “बेटा, सबको सब कुछ नहीं मिलता৷ क्या बुराई है, विकास में? अनपढ़ तो नहीं है, कमाता है पर तुझसे कम
कमाता है तो क्या हुआ ৷ पहले लड़के ज़्यादा कमाते थें, मगर अब लड़कियाँ अच्छा कमाने लग गई है तो इसमें
बुराई क्या है ৷”
लड़के कम कमाकर भी औरत को यह दिखाना नहीं भूलते कि घर के मालिक वो ही है उल्टा
वह तो उस सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को भी दबाने की कोशिश करते हैं ৷
मुझे विकास ऐसा नहीं लगता और फिर न ही वो शराब पीता है और न ही सिगरेट पीता है৷ बेटा, अब कुछ तो एडजस्ट करना पड़ेगा ৷
वो बॉडी बिल्डर बना फिरता है इसलिए शराब सिगरेट नहीं पीता और मैं क्यों एडजस्ट
करो৷ अब उसकी आंख में आँसू आ गए ৷
“तुमने पहले भी कई रिश्ते देखे थें, जो लड़के तुम्हारी
तरह पढ़े लिखे थें, वह तुममे ही कमी ढूंढते थें, फिर उन्हें दहेज़ चाहिए था৷ मेरे पास तो कुछ जमा पूँजी है नहीं जो
थी तुम्हारी माँ की बीमारी में लग गई৷ मैं तो खुद तुम दोनों पर
निर्भर हो, इन लोगों ने कुछ
माँगा नहीं৷ शादी भी हमारे
हिसाब से कर रहें हैं৷ अब एडजस्ट तो वो भी कर रहें हैं৷”
“वो पैसे से एडजस्ट कर रहे और मैं अपने सपनों से, अब उसकी आँख से आँसू बहने
लगे৷” उसके पापा ने उसके सिर पर हाथ फेरा, “पढ़ाई लिखाई के अलावा इंसान समझदार भी होना
चाहिए और विकास समझदार लड़का है৷ बाकी तुम देखो !!!!” अब वह भीगी पलकें लिए, अपने
कमरे में चली गई৷
श्याम को गायत्री को फेस्ट से सम्बंधित उसके कॉलेज का
कोई सामान देना था तो उसने उसे मैसेज किया पर वह डिलीवर नहीं हुआ, फिर उसने,
उसे कॉल किया तो वह भी कट गई৷ उसे उसकी, व्हाटसअप पर डीपी भी नहीं दिखाई दे रही है৷ ‘इसका
मतलब गायत्री ने मुझे ब्लॉक कर दिया पर
क्यों???’ तभी तान्या का मैसेज आया, ‘ जान!
कल शाम सात बजे, मेरे घर पर आ जाना৷” “ओके जान!!! इस दफा हमारे बीच कोई नहीं आना चाहिए৷” श्याम ने जवाब लिखा ৷