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उसने उसे केक पकड़ाते हुए कहा, “देखो!!! मुझे
कॉलेज में भी एक्स्ट्रा क्लॉस लेनी पड़ती हैI” सर प्लीज , आप फीस बोलेI”
“बात पैसे की नहीं
है,” “सर आज मेरा बर्थडे है,
मना मत करेंI” “ओह हैप्पी बर्थडे I”
“थैंक यू सर! प्लीज पढ़ा दीजिए
न, “ अब बबलू उसके कान में बोला, “श्याम इतना कह
रही है तो पढ़ा दें, कुछ भी देने को तैयार है, “ अब उसने उस लड़की को गौर से देखा, फिर चश्मा ठीक
करते हुए बोला, “ठीक है, कल से आ जानाI” “थैंक यू सर !!!”
अब उसने अपना नंबर श्याम को दिया और वह एक बार फिर थैंक यू बोलते हुए, वहाँ से चली
गयी I श्याम के चेहरे पर
मुस्कान हैI
रात को श्याम, बबलू की बेकरी से घर लौट रहा है कि तभी उसकी नज़र गायत्री पर पड़ती है जो काले रंग की
वन पीस पहने एक गाड़ी की तरफ जा रहीं हैI
उसने कई सालो बाद
गायत्री को वेस्टर्न कपड़ो में देखा है, वरना हमेशा तो वो
खुद को साड़ी से ही ढके रहती हैI सैर करने भी एक खुला कुर्ता और पजामा पहनकर आती हैI उसने देखा कि उसकी
यह ड्रेस साइज के अनुरूप नहीं है इसलिए उसकी आँखे उसका एक्स-रे करने में लग गई, कमर तो नज़र ही नहीं आती, पैर भी किसी लकड़ी
की तरह लग रहें हैI
अपने वृक्षो को उसने पैडेड ब्रा से उभार रखा है, वरना यहाँ भी
मामला बहुत गड़बड़ हो जाताI चेहरा भी बहुत समतल है, मेकअप करने से थोड़ा भरा हुआ लग रहा हैI तभी गायत्री की
नज़र भी श्याम पर गई तो वह उसे देखकर मुस्कुरा पड़ी पर एक डर उसके चेहरे पर साफ़ नज़र
आ रहा हैI मानो कोई उस पर कमेंट करेगा और वह अभी फूट-फूट कर रो पड़ेगीI
अब वह गाड़ी में
बैठकर चल दीI
वह अपने मंगतेर विकास के साथ उसकी दोस्त की बर्थडे पार्टी में जा रहीं हैI विकास ने उसे
देखते हुए कहा,
अच्छी लग रही हो !!!
थैंक्स !!! पर इसकी आँखे तो कुछ और ही कह रहीं है, उसन मन ही मन सोचाI
अब कुछ देर की ड्राइविंग के बाद, वे लोग पार्टी
में पहुँच गएI यह जानकर सबने उसकी तारीफ की कि वह
यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री की प्रोफेसर है, यह सुनकर उसका आत्मविश्वास
बढ़ गयाI अब विकास उसे अपनी दोस्तों के साथ छोड़कर बाकी पुरुष दोस्तों के साथ ड्रिंक करने चला गयाI उसने भी वेटर से
मॉकटेल ले ली और उनके साथ बात करने लग गईI
यार !!! यह ड्रेस तुमने ऑनलाइन ली? सौम्या ने पूछाI
नहीं, शौरूम से लाई थींI
थोड़ी ढीली नहीं है?? मीनल ने पूछा
हाँ, जल्दी-जल्दी में खरीदी I उसने सफाई दी I
तुम्हें तो एक्स्ट्रा स्मॉल ही आता होगा, यह कहकर मीनल
हँसने लगी तो सौम्या ने भी उसकी हँसी में उसका
साथ दे दियाI फिर वह गायत्री के चेहरे के हाव भाव देखकर बोली, ”यार !! बुरा मत मानना, हम मज़ाक कर रहें थें I” यह अच्छी बात हुई,
पहले बुरा मानने वाली बात कह दो, फिर कहो कि बुरा मत मानना I " उसने मन ही मन
कहा I
कुछ देर की
बातचीत के बाद, वह विकास के पास गई तो उसके दोस्तों की
बात सुनकर वहीं रुक गई I उसका एक दोस्त कह
रहा है, “ यार !!! तेरी
पेर्सनलिटी को मैच नहीं करती,” दूसरा बोला, “हम्म बहुत ज्यादा
पतली है I अब तीसरे दोस्त ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा “कोई नहीं, जब विकास का हाथ
लगेगा तो अपने आप भर जाएगी” अब सब हँसने लगे I
उसने सुना तो वह वाशरूम जाकर रोने लगी, उसे वो दिन याद
आया, जब उसकी माँ को एक पड़ोसन ने भी यही कहा था, “कि कोई नहीं शीला, मर्द का हाथ
लगेगा तो ठीक हो जाएगी और उसकी माँ ने भी हँसते हुए हाँ में हाँ मिला दी थी I फिर जब वह बारहवीं कक्षा
में थी, तब एक मनचला बस में उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा था और वह चुपचाप
बर्दाश्त कर रहीं थी क्योकि वह एक पुरुष का हाथ था जो उसे ठीक कर देता I दो मिनट की इस
छेड़छाड़ के बाद, वह घर आकर एक घंटा बाथरूम में पागलों की तरह नहाई थीं I