लोग सिर्फ भूत-पिसाच या बुरी आत्मा नहीं डरते। कई बार उस डर से भी भयभीत रहते हैं, जो हमें यह एहसास करवाता है कि हमारे अंदर कोई कमी है। श्यामबाबू पेशे से प्रोफेसर है, वह सुख भोगना तो चाहते है, मगर उन्हें लगता है, उनके बस की कुछ नहीं है। एक कष्टदायक बचपन ने उन्हें मन से कमजोर बना दिया है, जिसका असर उनके बदन पर पड़ा है। इ अन्य किरदार गायत्री बॉडी शेम की शिकार, वह मजबूर होकर सिल्क की साड़ियाँ पहनती है और शादी के नाम पर समझौता करने को विवश है । इमरती गॉंव की लड़की जो गँवार नहीं कहलाना चाहती। उसके भी अपने सपने और उन सपनो को पूरा करने की कोशिश ही उसे अलग बनाती है। क्या श्यामबाबू अपने हिसाब का यौन सुख भोग पाएंगे क्या गायत्री इस शर्म से मुक्त होगी? क्या कोई इमरती से पूछेगा कि उसे क्या चाहिए? जानने के लिए पढ़िए श्यामबाबू एंड सैक्स!!