मनुष्य को स्वप्नावस्था और समाधि जैसी अर्धचेतनावस्था में लाने की कला सम्मोहन कहलाती है। लेकिन, सम्मोहित अवस्था में मनुष्य की इंद्रियाँ तो उसके वश में रहती हैं। वह अपने तमाम कार्य जाग्रतावस्था जैसे ही कर सकता है लेकिन, किंतु यह सब कार्य वह सम्मोहनकर्ता के सुझाव पर करता है।
भारत में अति प्राचीन काल से सम्मोहन तथा इसी प्रकार की अन्य रहस्यमय, अद्भुत गुप्त क्रियाएँ प्रचलित हैं। नटों, साधुओं तथा योगियों में इन क्रियाओं के जानने वाले पाए जाते हैं। इन विशिष्ट मंडलों के लोगों को छोड़कर अन्य मनुष्यों में इनका ज्ञान अत्यंत अल्प पाया जा सकता है।
यह एक आम धारणा है कि केवल कमज़ोर इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति को ही सम्मोहित किया जा सकता है। जबकि माना यह भी जाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति को भी सम्मोहित किया जा सकता है। लेकिन, हर व्यक्ति को सम्मोहित करने का तरीका समान नहीं होता। हर व्यक्ति के अनुसार सुझाव भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। हम अपने आप को भी विभिन्न प्रकार के सुझाव दे सकते हैं। रात्रि में अर्धजागृत अवस्था के दौरान वे सुझाव हम स्वयं को देकर आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए→
➧मैं अपने कार्य में दिन-प्रति-दिन कुशल होता जा रहा हूँ।
➧मैं पहले से अधिक स्वस्थ, प्रसन्नचित और उत्साहित रहता हूँ।
➧मैं अपनी शुभ मनोकामनाएँ पूरी कर सकता हूँ।
➧मेरी स्मरण शक्ति बेहतर होती जा रही है, मुझे अपना सबक याद रखना आसान हो रहा है।
➧मेरा व्यक्तित्व आकर्षक और प्रभावशाली होता जा रहा है।
➧मुझे सुबह ५:३० पर जागना है, और बिना अलार्म की सहायता के मैं ठीक उसी समय जाग सकता हूँ।
ऐसे विभिन्न प्रकार के सुझाव हम रात को सोने के पूर्व अपने आपको अनेक बार देकर कुछ ही दिनों में चमत्कारिक परिणाम पा सकते हैं। बीमारियों के इलाज में भी हिप्नोथैरेपी कारगर सिद्ध हो सकती है। इसके जरिए असामान्य रोगों का भी उपचार संभव है। पिछले कुछ वर्षों से हुए शोध से हिप्नोथैरेपी मानसिक विकारों को दूर करने सहित पारिवारिक विवादों को भी हल में कारगर सिद्ध हुई है। सम्मोहन का प्रयोग शारीरिक पीड़ा पर भी किया जा चुका है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखे जा चुके हैं। स्मरण रहे ऐसी कलाओं प्रयोग सृजन की दिशा में ही फलदायी है, इन शक्तियों के साथ मनमानी करना विकृति को जन्म देना है।