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चाँद तुम कैसे सो सकते होमेरी रातों की नींद उड़ाकरतुम्हें नींद कैसे आती हैं!!! मेरे जख्मों पर नमक छिड़ककरचाँदनी संग प्रीत कैसे भाती हैंतुम्हारी चाँदनी की शीतलता भी मेरे बदन में अगन
हमारे एक मित्र का तकिया कलामहुआ करता था,, देर आये दुरुस्त आये!! हमारे घर पर हम उनका इंतजार कर रहे थेकरीब छ: घंटों सेबोले थे वो ,,आते हैं हम एक घंटे मेंपर ये क्या हमारा एक घंटाना