लेख-कर्तव्य पथ पर आधुनिक राम!
लेखक- जितेंद्र शर्मा
तिथी- 30/12/2022
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आज भारत संघ के सम्मानित प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी की माता जी का असामायिक देहांत हो गया। कर्म करते हुए 100 वर्ष तक जीने की इच्छा सनातन धर्म का प्रत्येक अनुयायी करता है। किन्तु यह सोभाग्य किसी कर्मयोगी को ही प्राप्त होता है।
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आदरणीय मोदी जी की माता जी को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनका भरा पूरा परिवार है और एक बेटा भारत के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहा है। एक माता अपने 100 वर्ष पूरे कर के भगवान के श्री चरणों में स्थान प्राप्त करने के लिए महाप्रयाण करती है यह संतान के लिये बड़ी बात बात है। किन्तु माता तो माता है, और माता के जाने से जो स्थान रिक्त होता है वह कभी नहीं भरता। जो इस रिक्त स्थान को महसूस करते हैं उनकी पीड़ा का अनुमान लगाना संभव ही नहीं है। और हीरा बा जैसी माता! माता ही है जो अपनी संतान को उच्च संस्कार देती है, आदरणीय मोदी जी को भी उनकी माता से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जैसे संस्कार मिले।
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मैं यहां भगवान श्रीराम से आदरणीय मोदी जी की तुलना नहीं कर रहा, वह श्रीराम जो पूर्ण ईश्वर हैं, उनकी किसी मानव से तुलना कैसे की जा सकती है। किंतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम प्रत्येक संस्कारवान व्यक्ति के हृदय में बसे होते हैं, मोदी जी भी ऐसे ही एक विराट व्यक्तित्व हैं जिन्होंने भगवान पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्शों को अपनाया और उन्हें संजोए हुए राष्ट्र सेवा में लगे हुए हैं।
भगवान राम के ही आदर्श हैं कि अपनी पूजनीय माताजी का अंतिम संस्कार करते ही वह अपने कर्तव्य पथ पर लग जाते हैं। आज उनका पश्चिम बंगाल का कार्यक्रम था जहां उन्हें कुछ विकास कार्यों का श्रीगणेश करना था तथा मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर उसका शुभारंभ करना था। माताजी की मृत्यु के कारण वह वहां नहीं जा सके किंतु सही समय पर उन्होंने आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए डिजिटली वहां की जनता को सम्बोधित करते हुए अपने दायित्वों को पूर्ण किया और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बंगाल में न पहुंच पाने के लिए वहां की जनता से खेद जताया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की और कार्यक्रम को जल्दी से जल्दी समाप्त कर अपने परिवार के प्रति दायित्वों का निर्वाह करने की प्रार्थना की।
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यही तो श्री राम के आदर्श हैं जिन्हें आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ग्रहण करके राष्ट्र और अपने परिवार के प्रति सभी दायित्वों को पूरा कर रहे हैं। एक सामान्य भारतवासी के रूप में मेरा ऐसे महान व्यक्तित्व को शत् शत् बार नमन है, तथा उनकी माता के लिए मेरी संपूर्ण संवेदनाएं हैं कि प्रभु उनको अपने श्री चरणों में स्थान देकर मोक्ष प्रदान करें।
ओम शांति जय श्री राम।
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