0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
रचना- "नारी तू अविचल है।" रचनाकार- जितेन्द्र शर्मा विधा- कविता तिथी-29/12/2022 नारी! नारी तू अविचल है। पंकज सी कोमल है पर द्रढ है तू गिरिवर सी। सागर सी गहरी है पर लहरों सी चंचल है। नारी तू अवि
लेख-कर्तव्य पथ पर आधुनिक राम! लेखक- जितेंद्र शर्मा तिथी- 30/12/2022 *** आज भारत संघ के सम्मानित प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी की माता जी का असामायिक देहांत हो गया। कर्म करते हुए 100 व
नव वर्ष तेरा स्वागत! तेरा अभिनन्दन! शान्ति का उद्घोष हो तेरा, प्रगति के रथ पर तू आये। दुष्ट जनो को घातक हो, सज्जनता का मान बढाये। जन जन में तेरा हो वन्दन, नव वर्ष तेरा स्वागत! तेरा अभिनन्दन। मे