कावेरी हर साल की तरह इस साल भी माता की पूजा का स्थापना बहुत अच्छे से कर रही थी। बहुत खुशी का माहोल था। कावेरी माता रानी की बहुत पूजा किया करती थी। रोज बहुत सारे आदमी की भीड़ लगती।
कावेरी का जयेश पति एक आर्मी सिपाही था। शादी के दस दिन बाद ही जयेश अपने ड्यूटी पर चला गया था लेकिन जयेश एक साल से घर नहीं आया था। ना फोन ना कोई मैसजे। लेकिन महीने मे एक चिट्टी जरूर आ जाती थी।
इस बार कावेरी माता के सामने जाकर कहती है- हे
माता अगर इस पूजा मे जयेश नहीं आए मैं कुछ नहीं खाऊंगी ना पानी पिउँगी।
उस दिन विजया दशमी था। कावेरी की हालत
एक दम खराब हो गई थी। बस कावेरी एक कोने मे बैठी थी। बस जय माता दी जय माता दी का नारा लगा रही थी।
तभी एक कावेरी की कानो मे किसी ने कहा- कावेरी कावेरी । जब कावेरी ने आँखे खोली तो सामने जयेश था। कावेरी को विश्वास ही नहीं हुआ।
कावेरी- जयेश आप कहा थे।
जयेश- अरे मैं तो एक सीक्रेट मिशन पर गया था। मैंने तुम्हे एक चिट्टी भी लिखी थी। तुमने नहीं पढ़ा।
कावेरी- आप तो हर महीने चिट्टी लिखते थे।
जयेश- नहीं तो।
पास मे एक दूसरा जयेश ये सब सुन रहा था। उसकी भी बीवी का नाम कावेरी था। तभी उस जयेश ने कहा- अरे जयेश भाई वो चिट्टी मैं अपनी कावेरी को लिखता था।
लेकिन गलती से आपका पता चल गया था।
जयेश ने कहा- ये सब तुम्हारे भक्ति का कमाल है कावेरी।
ताकि तुम मेरे लिए परेशान ना रहो।
जोर से बोलो जय माता दी।
सभी एक साथ जय माता दी 🙏🙏🌹🌹🌹💥✨