राज़ दिल का...
राज़ जो कुछ भी हो तेरे दिल में...इशारों में बता ही देना...,एक मुद्दत से बंद हैं.., तेरे दिल के कैदख़ाने में...,अब जाने की रज़ा भी दे देना...,शिकायत हो कोई... तो बता देना...,अगर, बाकी रह गई हो, कोई सज़ा...,तो सज़ा भी दे देना...,राज़ जो कुछ भी हो तेरे दिल में...इशारों में बता ही देना... .