सुरभित सुशोभित रंग से,
शब्दों में है जीवन भरा,
जो रचे हर मायने,
जीवन भरी जैसे धरा,
कविता है वो संवेदना,
अनुभव से है जिसको भरा,
रचना नहीं ये शब्द की,
अस्तित्व है इसकी कला।।
14 सितम्बर 2021
सुरभित सुशोभित रंग से,
शब्दों में है जीवन भरा,
जो रचे हर मायने,
जीवन भरी जैसे धरा,
कविता है वो संवेदना,
अनुभव से है जिसको भरा,
रचना नहीं ये शब्द की,
अस्तित्व है इसकी कला।।
11 फ़ॉलोअर्स
उपाधि से अभियंता हूं, शिक्षा से जुड़ा है नाम; अभिरुचि कुछ लेखन में है, चित्रकारी भी है काम। विद्यार्थी हूं मैं इस जीवन में, खोज रहा हूं ज्ञान; गहन प्रकृति का प्रेमी हूं, और ज्ञान विज्ञान। २९ अप्रैल का दिन है मेरा, मिली मुझे पहचान। जन्म हुआ है मध्य प्रदेश में, संस्कारधानी मेरी शान।D
बहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने। कृपया मेरी किताबों पर भी अपनी समीक्षा दें। कृपया मेरी किताब "शब्दों की डोर "पर अपने विचार जरूर दें।
23 फरवरी 2023