जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे ।
क्षीण हवा का झोंका, सदा बदलते रंग रहे ।
कहीं खोया है जीवन, कहीं खोया हर अंग रहे।
कहीं प्रकृति का आश्चर्य , देख-देख सब दंग रहे।
कहीं मृत्यू का रोग लगा, कहीं बजते मृदंग रहे।
जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे ।
15 सितम्बर 2021
जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे ।
क्षीण हवा का झोंका, सदा बदलते रंग रहे ।
कहीं खोया है जीवन, कहीं खोया हर अंग रहे।
कहीं प्रकृति का आश्चर्य , देख-देख सब दंग रहे।
कहीं मृत्यू का रोग लगा, कहीं बजते मृदंग रहे।
जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे ।
11 फ़ॉलोअर्स
उपाधि से अभियंता हूं, शिक्षा से जुड़ा है नाम; अभिरुचि कुछ लेखन में है, चित्रकारी भी है काम। विद्यार्थी हूं मैं इस जीवन में, खोज रहा हूं ज्ञान; गहन प्रकृति का प्रेमी हूं, और ज्ञान विज्ञान। २९ अप्रैल का दिन है मेरा, मिली मुझे पहचान। जन्म हुआ है मध्य प्रदेश में, संस्कारधानी मेरी शान।D