मूल्यों की बातों क्या,
मूल्यवान न बचा कोई।
अनमोल प्राणवायु थी जो,
मूल्यों से ही है ठगा कोई।
अनमोल रहा जो जीवन भी,
वो भी न बचा सका कोई।
ये कैद जिंदगी ने दी है,
न आजाद परिंदा रहा कोई।
15 सितम्बर 2021
मूल्यों की बातों क्या,
मूल्यवान न बचा कोई।
अनमोल प्राणवायु थी जो,
मूल्यों से ही है ठगा कोई।
अनमोल रहा जो जीवन भी,
वो भी न बचा सका कोई।
ये कैद जिंदगी ने दी है,
न आजाद परिंदा रहा कोई।
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उपाधि से अभियंता हूं, शिक्षा से जुड़ा है नाम; अभिरुचि कुछ लेखन में है, चित्रकारी भी है काम। विद्यार्थी हूं मैं इस जीवन में, खोज रहा हूं ज्ञान; गहन प्रकृति का प्रेमी हूं, और ज्ञान विज्ञान। २९ अप्रैल का दिन है मेरा, मिली मुझे पहचान। जन्म हुआ है मध्य प्रदेश में, संस्कारधानी मेरी शान।D