प्रस्तुत पुस्तक कविताओं का संग्रह है जो की प्रेम और प्रकृति पर आधारित है।
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<p>सुरभित सुशोभित रंग से,<br> शब्दों में है जीवन भरा,<br> जो रचे हर मायने,<br> जीवन भरी जैसे धरा,<br
<p>न देखा जमाना तो जाना ही क्या,</p> <p>अब तुम्हारे बिना मुस्कुराना ही क्या।</p> <p>राह ले जाती है म
<p>मधुर प्रेम की एक अभिलाषा,</p> <p> तन क्षुधा-हीन; मन, हीन-निराशा।</p>
<p>एक था प्यारा समुंदर,</p> <p> एक थी प्यारी घटा।</p> <p>एक दूजे के लिए
<p>जब कुछ नहीं था, </p> <p>तो चाह थी कुछ पाने की।</p> <p>अब सब कुछ है तो,</p> <p>डर है सब खो जा
<p>एकता में बल, होता है;</p> <p>हर समस्या का हल, होता है।</p> <p>जब सामंजस्य की हो कमी;</p> <p>जीवन
<p><span style="font-size: 1em;">झूठ के पांव नहीं होते लेकिन,</span><br><span style="font-size: 1em;
<p>जीवन राग अनोखा, जो बूझे आनंद रहे ।</p> <p>क्षीण हवा का झोंका, सदा बदलते रंग रहे ।</p> <p><br></p>
<p>ऋतुराज बसंत की बेला में, </p> <p>  
<p>मूल्यों की बातों क्या,</p> <p> मूल्यवा
<div><span style="font-size: 16px;">प्रेम भाव की एक परिभाषा, </span></div><div><span style="fon
<div><span style="font-size: 16px;">कटी–छटी राह है, कटी– छटी जिंदगी।</span></div><div><span style="f
<div><span style="font-size: 16px;"> ।। ॐ श्री कृष्णाय नमः।।</span></div><div><span style="fon
<div><span style="font-size: 16px;">राखी रक्षा–बंधन वाली,</span></div><div><span style="font-size: 1
<div><span style="font-size: 16px;">रंगो की होली है, घुलते सब रंग।</span></div><div><span style="fon
<div><span style="font-size: 16px;">अगर चाहतों में मिले जिन्दगी तो,</span></div><div><span style="fo