एक था प्यारा समुंदर,
एक थी प्यारी घटा।
एक दूजे के लिए,
जीते और मरते थे सदा।
धूप में खुद को जलाकर,
खुद को देता था मिटा।
प्रेम से जीवन भरा हो,
बस यही थी आस्था।
एक था प्यारा समुंदर,
एक थी प्यारी घटा।................
15 सितम्बर 2021
एक था प्यारा समुंदर,
एक थी प्यारी घटा।
एक दूजे के लिए,
जीते और मरते थे सदा।
धूप में खुद को जलाकर,
खुद को देता था मिटा।
प्रेम से जीवन भरा हो,
बस यही थी आस्था।
एक था प्यारा समुंदर,
एक थी प्यारी घटा।................
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उपाधि से अभियंता हूं, शिक्षा से जुड़ा है नाम; अभिरुचि कुछ लेखन में है, चित्रकारी भी है काम। विद्यार्थी हूं मैं इस जीवन में, खोज रहा हूं ज्ञान; गहन प्रकृति का प्रेमी हूं, और ज्ञान विज्ञान। २९ अप्रैल का दिन है मेरा, मिली मुझे पहचान। जन्म हुआ है मध्य प्रदेश में, संस्कारधानी मेरी शान।D