खचेडू किसी अंग्रेज को अपने गांव में लेकर आ गया। गाँव मे उसे एक बकरी दिखी। अंग्रेज ने पहले कभी बकरी नहीं देखी थी। वह बकरी देखकर बोल पड़ा कि ओ मेन टूम्हारे गाँव मे सींग वाला कुत्ता होता। थोड़ी दूर चलने पर अंग्रेज को एक दीवाल पर कण्डे (उपले) चिपके दिखे। अंग्रेज उन्हें गौर से देखने लगा। तब खचेडू बोला ये भैंस के गोबर से बने हैं। अंग्रेज बोला ये सब तो ठीक है पर मैं सोच रहा हूँ भैंस दीवाल पर गोबर करने चढ़ी कैसे होगी।
खचेडू अंग्रेज को लेकर घर पहुँचा तो खचेडू की माँ ने पूछा क्या लोगे बेटा। खचेडू ने उसे अंग्रेजी में समझाया तो अंग्रेज बोला, टू कप टी। अंग्रेज की बात सुनकर माँ ने उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया। तू कपटी, तेरा बाप कपटी, तेरा खानदान कपटी, मुआ हमें कपटी कह रहा है। थोड़ी देर में खचेडू के घर पर अंग्रेज को देखने के लिए लोग आने लगे। तो वह सभी से hi कहने लगा। थोड़ी देर बाद खचेडू की माँ बोली इसे डॉक्टर के ले जाओ देखो कैसे दर्द के मारे हाय हाय चिल्ला रहा है।
रात को को दोनों सोने चले गए। अंग्रेज को मच्छर काटने लगे। तो खचेडू ने लालटेन बुझा कर कहा अब आराम से सो जाओ। थोड़ी देर बाद वहाँ जुगनू आ गए। उन्हें देखकर अंग्रेज ने खचेड़ू को जगा दिया और बोला ऐ मेन टूम्हारे गांव का मॉस्किटो हमको टार्च लेकर ढूढता है। आधी रात को अंग्रेज उठ जाता है और कहता है कि गुड़ नाईट खचेडू।
खचेडू- गुड़ नाईट।
अंग्रेज गुस्से में- गुड़ नाईट खचेडू गुड़ नाईट।
खचेडू- गुड़ नाईट।
अंग्रेज परेशान होकर कहता है- अरे! गुड़ नाईट कहाँ है? मच्छर काट रहे हैं, अंग्रेज की औलाद।
अंग्रेज ने गाँव की लड़की से शादी कर ली। वह एक साल बाद ससुराल आया। वहाँ उसकी सास ने उसे कुत्ते का बच्चा कह दिया। अंग्रेज ने खचेडू से पूछा ये कुत्ते का बच्चा क्या होता है। तब खचेड़ू ने समझाया कि कमजोर आदमी को ऐसा बोलते हैं। कुछ दिन बाद सास ने अंग्रेज को हरामखोर बोल दिया। तो खचेड़ू ने उसे समझाया कि मोटे लोगों को ऐसा कहते हैं। एक दिन अंग्रेज की सास बीमार पड़ गई। तो वह सास को दिलासा देने के लिए बोला कि माटाजी पहले आप कैसी हरामखोर थी। अब देखिए कैसी कुत्ते की बच्ची हो गई हैं।
शादी की सालगिरह पर पत्नी ने अंग्रेज को साडी लाने को कह दिया। अंग्रेज खचेड़ू के पास गया तो खचेड़ू ने उसे समझाया कि यह बिना सिला लम्बा सा कपड़ा होता है। शाम को अंग्रेज साड़ी लेकर आया तो औरत ने उसे झाड़ू से पीटना शुरू कर दिया। पूरा गाँव वहाँ इकठ्ठा हो गया। लोगों ने पूछा इसे क्यों पीट रही हो तो औरत बोली कमबख्त से साड़ी मगबाई थी और ये कफ़न लेकर आ गया।
एक दिन अंग्रेज खचेड़ू को लँगोट पहने देखता है और पूछता है, वाट इज दिस। खचेड़ू को लँगोट की अंग्रेजी नहीं आती थी। तो वह अंग्रेज की टाई पकड़कर पूछता है, वाट इज दिस। अंग्रेज कहता है, दिस इज नेक टाई। खचेड़ू तुरन्त कहता है, दिस इज बैक टाई।
एक दिन खचेडू अंग्रेज को गाँव में घूमाने ले जाता है। रास्ते में उसे बैलगाडी दिखती है। अंग्रेज पूछता है, इसे किसने बनाया। खचेडू कहता है, पता नहीं। थोड़ी दूरी पर एक बहुत अच्छा घर दिखता है। अंग्रेज पूछता है, ये घार किसका है। खचेडू कहता है, पता नहीं। अंग्रेज सोचता है पता नहीं का। थोड़ी और आगे जाने पर अर्थी जा रही होती है। अंग्रेज पूछता है, ये कौन है। खचेडू कहता है, पता नहीं। अंग्रेज दुःखी होकर कहता है कि 'पता नहीं' इतनी जल्दी मर गया। मैं तो 'पता नहीं' से मिलना चाहता था। खचेडू अंग्रेज को लेकर हलवाई की दुकान पर पहुँचता है। वहाँ दही देखकर अंग्रेज हलवाई से पूछता है, वाट इज दिस।
हलवाई- दिस इज दही।
अंग्रेज- वाट इज दही?
हलवाई- मिल्क स्लीप एट नाईट एंड मॉर्निग विकम टाइट।
खचेडू जलेबी लेता है और दोनों खाने लगते हैं। तभी अंग्रेज की जलेबी से रस टपकने लगता है। यह देखकर अंग्रेज को बड़ा आश्चर्य होता है। वह कहता है कि जोलबी की जोलबी और रोस का रोस (रस)।