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खेल समय का

28 सितम्बर 2022

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कौन बडा कौन छोटा जो कल था वो आज नही है और जो आज है वो कल नही. 1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही  डिजिटल फोटोग्राफी ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. कोडक दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।

एचएमटी(घडी)

बजाज (स्कूटर)

डायनोरा (टीवी)

मुरफी (रेडियो)

नोकिया  (मोबाइल)

राजदूत(बाईक)

एम्बेसडर (कार)

इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए!!

कारण...???

उन्होंने समय के साथ बदलाव नहीं किया.

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

ऊपर सिर्फ एक सॉफ्टवेयरहै। उनकी अपनी खुद की एक भी कार नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी कंपनी है।

एयरबीएनबी दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी  है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

पेटीएम , ओला कैब, ओयो रूम्स जैसे अनेक उदाहरण हैं।

यूएस में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि आईबीएन वॉटसन नामक सॉफ्टवेयर पल भर में ज़्यादा बेहतर लीगल एडवाइस दे देता है। अगले 10 साल में यूएस के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे...जो 10% बचेंगे...वो सुपर स्पेशलिस्ट होंगे।

वॉटसन नामक सॉफ्टवेयर मनुष्य की तुलना में कैंसर का डायग्नोसिस 4 गुना ज़्यादा एक्यूरेसी से करता है। 2030 तक कंप्यूटरमनुष्य से ज़्यादा इंटेलिजेंट हो जाएगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% कार्स गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो इलेक्ट्रिक कार्स होंगी या फिर  हाइब्रिड...सडकें खाली होंगी, पेट्रोल की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप ऊपर जैसे एक सॉफ्टवेयर से कार मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक ड्राइवर कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी बाइक से भी सस्ती पड़ेगी।

कार्स के ड्राइवरलेस होने के कारण 99% एक्सीडेंट होने बंद हो जायेंगे.. इस से कार इंश्योरेंस नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा। जब शहरों और सड़कों से 90% कार्स गायब हो जायेंगी, तो ट्रैफिक और पार्किंग जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 कार्स के बराबर होगी।

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां पीसीओ न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो पीसीओ बंद होने लगे.. फिर उन सब पीसीओ वालों ने फोन का रिचार्ज बेचना शुरू कर दिया। अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दुकान आजकल मोबाइल फोन की है।

सेल्स, सार्विस, रिचार्ज ,  एक्सेसरीज़, रिपेयर, मेंटेनेंस की।

अब सब पेटीएम से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. करेंसी नोट की जगह पहले प्लास्टिक मनी ने ली और अब डिजिटल हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे।

समय के साथ बदलने की तैयारी करें।

व्यक्ति को समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने स्वभाव में भी बदलाव करते रहना चाहिये.

समय के साथ चलिये और बदलते समय के साथ ख़ुद को बदलिए ।

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