"वो अपने दुख मे हसती है
वो मेरे सुख मे हसती है
हो कोई भी दुख मुझे
तो वो भी रोती हैं
जब तक मै नही होता
वो भी नही सोती है
मौत भी टल जाती है
जिसकी दुवाओं से
कोई और नही वो
मा ही होती है
हर तकलीफ और दर्द को
जो हसते हुए सह लेती है
हो कितनी भी तकलीफ उसे
वो कुछ भी नही कहती है
मिटाने को मेरी भूख
जो खुद भूखी रह लेती है
कोई और नही वो
मा ही होती है ।"
@ कृष्ण