दूसरी घटना इस प्रकार है कि, सभी देवताओं को----- धरती की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता रखी गई। गणेश जी ने अपनी चतुराई से, अपने वाहन चूहे पर बैठकर ,अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा की। पौराणिक काल के, हमारे ऋषि-मुनि---- बहुत ज्ञानी और बुद्धिमान थे।इन विद्वानों ने अपनी शिक्षा को----- धार्मिक रूप देकर प्रस्तुत किया। ताकि सामान्यजन, महत्वपूर्ण शिक्षाओं का पालन सरलता से कर सकें। भगवान गणेश का वाहन चूहे को बताया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि, छोटी से छोटी चीज को भी कमजोर नहीं माना जाना चाहिए। छोटा सा चूहा, हमारी खेती और खाद्यान्न को --------सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है। साथ ही ,भूमि के अंदर------ गहराई में अनेक सुरंग बनाकर , खोखला बनाने की शक्ति रखता है। इन कारणों से ,इस पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। गणेश जी का सिर ,शरीर के सबसे ऊपरी भाग में और विशालकाय है। यह इस बात का प्रतीक है कि ,मनुष्य का सबसे महत्वपूर्ण अंग उसका मस्तिष्क ही होता है। यह भी ज्ञान का भंडार अर्जित कर सकता है ।और सही प्रयोग कर, स्वयं तथा समाज का हित कर सकता है ।साथ ही मस्तिष्क------- शरीर के समस्त अंगों पर नियंत्रण रखता है। गणेश जी के दो बड़े कान, इस बात का प्रतीक है कि, मनुष्य को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए ।सब की बातों को सुनना चाहिए। परंतु उचित मनन कर ,सही मार्ग पर चलना चाहिए। हाथी के दो तरह के दांत होते हैं------ एक बाहरी, और दूसरे जो मुंह के अंदर छिपे रहते हैं।यह दांत हाथी के लिए ,भोजन को पेट तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि ,हमें किसी भी मनुष्य पर बिना सोच -विचार किए, विश्वास नहीं कर लेना चाहिए। गणेश जी ने, अपनी बुद्धिमत्ता से -------ना केवल अपने भाई से------ देव प्रतियोगिता में विजय प्राप्त की। बल्कि सभी देवताओं( गणों )के गणपति बन गए।